उत्तर प्रदेश की ‘संगम नगरी’ प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर 1.4 करोड़ लोगों ने गंगा में लगाई डुबकी

प्रयागराज
उत्तर प्रदेश की 'संगम नगरी' प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक लगभग 1.40 करोड़ लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस बीच, हेलीकाप्टर से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई। माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक करीब 1.40 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। इस बीच हेलीकाप्टर से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। उन्होंने बताया कि गुरुवार मध्यरात्रि 12 बजे से ही जनसैलाब घाटों की तरफ उमड़ा हुआ है और गांव देहात व दूसरे जिलों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
 
स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से की गई पुष्प वर्षा
अधिकारी ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए घाटों की लंबाई 6800 फुट से बढ़ाकर 8000 फुट कर दी गई है और कुल 12 घाट बनाए गए हैं एवं सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में वस्त्र बदलने की सुविधा स्थापित की गई है। पुलिस उप महानिरीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं और पूरे क्षेत्र में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और कई एआई (कृत्रिम बुद्धिमता) आधारित कैमरे क्रियाशील हैं। उन्होंने बताया कि इन कैमरों से फीड को इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर पर लिया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में कोई भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति नजर आने पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही आतंक रोधी दस्ता (एटीएस), द्रुत कार्य बल (आरएएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें, महिला पुलिसकर्मी, घुड़सवार पुलिस, बम निरोधक दस्ते सभी क्रियाशील हैं।

सार्वजनिक शौचालयों की संख्या भी 1800 से बढ़ाकर 6 हजार कर दी गई
मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि इसके अलावा, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या भी 1800 से बढ़ाकर 6 हजार कर दी गई है और 12,000 संस्थागत शौचालयों के साथ मेला क्षेत्र में शौचालयों की कुल संख्या अब 18,000 हो गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के जवान विभिन्न घाटों पर तैनात किए गए हैं। साथ ही एनडीआरएफ की महिला बचाव कर्मियों की भी तैनाती की गई है।

 

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