51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ टिकरापारा में 15 से 18 तक

रायपुर
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में गायत्री प्रज्ञा पीठ संतोषी नगर रायपुर एवं रायपुर महानगर के गायत्री परिजनों के सहयोग से 15 से 18 दिसम्बर तक दशहरा मैदान छत्तीसगढ़ नगर टिकरापारा में 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण, विविध संस्कार एवं दीपयज्ञ व साहित्य एवं सप्तसूत्रीय आंदोलन पर विशाल प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान दीक्षा संस्कार के अलावा 16 संस्कार नि:शुल्क कराया जाएगा जिसके लिए अग्रिम पंजीयन कराना आवश्यक होगा।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए समिति के संयोजक राकृष्ण अग्रवाल, सीपी अग्रवाल, जिला समन्वयक लच्छूराम निषाद, मीडिया प्रभारी प्रदीप साहू, हीरालाल साहू, बंटीराम साहू ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में बताया कि 15 दिसंबर 2023 को प्रथम दिवस में दोपहर 01 बजे से सद्गुरू ज्ञान गंगा, सदग्रंथ शोभा यात्रा मंगल जल-कलश यात्रा निकलेगी। द्वितीय दिवस दिनांक 16 दिसम्बर को प्रात: 06 बजे से ध्यान योग, प्रज्ञा योग प्रात: 08:30 बजे देव पूजन एवं 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ दोपहर 01 बजे भोजन प्रसाद दोपहर 2:30 बजे से कार्यकर्ता गोष्ठी दोपहर 03 से 05:30 बजे तक प्रज्ञा पुराण कथा शाम 05:30 सक 07:30 बजे तक 1 नारियों जागों स्वयं को पहचानों पर प्रवचन होगा। तृतीय दिवस दिनांक 17 दिसम्बर को प्रात: 06 बजे से ध्यान योग, प्रज्ञा योग प्रात: 08:30 बजे 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार दोपहर 01 बजे भोजन प्रसाद दोपहर 2:30 बजे से व्यसन मुक्ति पर युवा कार्यकर्ता गोष्ठी दोपहर 03 से 05:30 बजे तक प्रज्ञा पुराण कथा शाम 05:30 सक 07:30 बजे तक राष्ट्र समर्थ एवं सशक्त कैसे बने पर प्रवचन होगा एवं इसके उपरांत दीप यज्ञ होगा। चतुर्थ दिवस दिनांक 18 दिसम्बर को प्रात: 06 बजे से ध्यान योग, प्रज्ञा योग प्रात: 08:30 बजे से 02 बजे तक 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ विभिन्न संस्कार एवं पूणार्हुति तथा परम वंदनिया माताजी भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी के लिये संकल्प व बिदाई होगी।

इस महायज्ञ में दीक्षा संस्कार के अलावा अन्य सभी 16 संस्कार जैसे – पुंसवन, नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, कर्णछेदन, विद्यारंभ, यज्ञोपवित, विवाह, वानप्रस्थ, जन्मदिवस, विवाहदिवस इत्यादि नि:शुल्क करवाया जायेगा, इस हेतु समय पूर्व पंजीयन आवश्यक होगा। कलश यात्रा में महिलाये पीले वस्त्र (साड़ी) में रहेंगी। महायज्ञ में बैठने के लिये भारतीय वेशभूषा में आने का अनुरोध समिति के द्वारा किया गया है।

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