ठगों ने ग्वालियर में डॉक्टर को 29 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा, मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखा 21 लाख ठगे

 ग्वालियर

ग्वालियर में आयुर्वेदिक डॉक्टर को ठगों ने 29 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे 21 लाख रुपए ऐंठ लिए। डॉक्टर को ठगों का कॉल आया था। डॉक्टर को बदमाशों ने उनके आधार नंबर पर महालक्ष्मी ट्रांसपोर्टेशन कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इधर-उधर करने की बात कहकर डराया। ठगों ने कहा गया कि आपको और आपके परिवार को उम्रकैद तक हो सकती है। बाद में एक बदमाश ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर उनसे बात की। मदद का कहकर अपने अकाउंट में 21 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए डलवा लिए। जब डॉक्टर को एहसास हुआ कि वे ठग लिए गए, तो उन्होंने पुलिस के पास पहुंचकर शिकायत की।

बता दें शहर के गोला का मंदिर इलाके में हनुमान नगर निवासी मुकेश शुक्ला आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। वे घर से ही प्रैक्टिस करते हैं। उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाला उनसे बोला कि वह आईटी कंपनी से बोल रह है। उनके नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांस्पोर्टेशन कंपनी पर 9 लाख 40 हजार 44 रुपए की रिकवरी निकली है। इसके बाद कहा कि लगता है कि आपके आधारकार्ड का गलत यूज किया गया है। उसने पुलिस मुख्यालय दिल्ली में दो घंटे में शिकायत करने के लिए कहा। ऐसा नहीं करने पर उनकी गिरफ्तारी की बात कही। इस पर बुजुर्ग डॉक्टर घबरा गए। डॉक्टर ने कहा कि वे ग्वालियर में हैं और दो घंटे में दिल्ली कैसे पहुंच सकते हैं। इस पर कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन एफआईआर कराने में मदद करने का वादा किया।

ऐसे समझिए पूरा मामला शहर के गोला का मंदिर स्थित हनुमान नगर निवासी 63 वर्षीय मुकेश पुत्र केके शुक्ला आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। वह घर पर ही प्रैक्टिस करते हैं। 29 नवंबर की सुबह 10.13 बजे उनके मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनसे बातचीत करते हुए बताया कि वह इनकम टैक्स से बोल रह है और उनके नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी पर 9 लाख 40 हजार 44 रुपए की रिकवरी निकली है। जब उन्होंने महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी उनकी नहीं होने की बात कही तो कॉल करने वाले ने बताया कि कंपनी तो आपके आधार नंबर पर ही बनी है। इस पर कॉल करने वाले ने कहा कि लगता है कि आपका आधार कार्ड का गलत उपयोग किया गया है। इसके बाद उसने पुलिस मुख्यालय दिल्ली में दो घंटे में शिकायत करने के लिए कहा। ऐसा नहीं करने पर उनकी गिरफ्तारी की बात कही। इस पर बुजुर्ग डॉक्टर घबरा गया। डॉक्टर ने कहा कि वह ग्वालियर में हूं और दो घंटे में दिल्ली कैसे पहुंच सकता हूं। इस पर कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन एफआईआर में मदद करने का वादा किया।

कॉल करते ही आरोपी ने मनी लॉन्ड्रिंग का जाल बिछाया इसके बाद डॉक्टर को कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का मोबाइल नंबर दिया और कहा कि आप इनको कॉल कीजिए। मैं भी उनको आपकी मदद के लिए बोलता हूं। जब उन्होंने अजय शर्मा से कॉल लगाकर बातचीत की तो अजय शर्मा ने उनके दस्तावेज मांगे और बताया कि उनके आधार कार्ड पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। कुछ दिन पहले मनीष चौधरी के यहां पर CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की रेड हुई थी। वहां आपका यह आधार कार्ड मिला था। जिस पर करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। इसके बाद अजय ने डॉक्टर का फोटो लगा गोल्डन कार्ड दिखाया। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया। जिसे देखने के बाद उनके पैरों तले जमीन निकल गई, क्योंकि कार्ड पर उनका नाम और फोटो लगा हुआ था। ठगों ने अगले दिन डॉक्टर से 21 लाख रुपए अकाउंट में आरटीजीएस करा लिए।

डॉक्टर बोले-डरा दिया था किसी से जिक्र तक नहीं कर सका डॉक्टर मुकेश कुमार शुक्ला का कहना है कि ठगी करने वाले अपने शिकार के दिमाग से खेलते हैं। ठगों ने उनको जमकर डराया। कहा कि किसी से इस बात का जिक्र करने पर पूरे परिवार को 10 मिनट में ग्वालियर पुलिस से अरेस्ट करा देंगे। साथ ही बदनामी भी होगी। इसी कारण डॉक्टर शुक्ला अपनी दूसरी पत्नी को भी कुछ नहीं बता पा रहे थे। पत्नी को उन्होंने एहसास भी नहीं होने दिया कि वह किस मुसीबत से गुजर रहे हैं। वह मन में सोच रहे थे कि वह परिवार को बचा रहे हैं, जबकि वह ठगी के शिकार हो रहे थे।

पत्नी-बेटे को खोने की बात बताते हुए भावुक हो गया फरियादी डॉक्टर मुकेश कुमार शुक्ला से जब उनके पत्नी और बेटे के कोविड में जान गंवाने के सवाल पर ठगों का क्या रवैया था यह पूछा गया तो कुछ कहने से पहले ही वह भावुक हो गए थे। उनका कहना है कि मैं सामने आकर इसलिए सारी बात बता रहा हूं जिससे मेरी तरह और कोई इन ठगों के शिकार न हों। मेरे जीवन भर की जमा पूंजी को ठगों ने मुझे डराकर ठग लिया है। इस मामले में टीआई क्राइम ब्रांच अजय पवार ने बताया कि-

कॉल करने वाले ने डॉक्टर को एक नंबर यह कहते हुए दिया कि यह दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का मोबाइल नंबर है। इन्हें कॉल कर लीजिए, मैं भी उनसे आपकी मदद के लिए बोल देता हूं। डॉक्टर ने जब दिए गए नंबर पर बात की, तो खुद को सब इंस्पेक्टर अजय बताने वाले ने उनसे डॉक्यूमेंट्स मांगे, फिर बोला कि आपके आधारकार्ड पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। आपका आधारकार्ड मिला था। इसके जरिए करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।

इसके बाद ठग ने डॉक्टर का फोटो लगा गोल्डन कार्ड दिखाया। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया। इसमें भी उनका फोटो था। इसे देखने के बाद वह और भी घबरा गए। खुद को अजय बताने वाले ने डॉक्टर को निगरानी में रहने की बात कही। आरोपी वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रखे हुए था। इसके बाद उसने डॉक्टर को मदद करने का कहकर किसी तीसरे से बात कराई। इसे सीबीआई अधिकारी प्रवीण सूद बताया। सीबीआई अधिकारी बने तीसरे बदमाश ने भी उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाया। कहा कि फ्रॉड आपके पीछे पड़े हुए हैं, वे आपके अकाउंट को ऑपरेट कर रहे हैं। अगर आप निर्दोष हो, तो हम आपकी मदद करेंगे। उसने डॉक्टर से अकाउंट डिटेल लेकर इसमें जमा पैसा सीबीआई पुलिस के अकाउंट में आरटीजीएस करने के लिए कहा। अगले दिन डॉक्टर ने अपने अकाउंट से 21 लाख रुपए आरटीजीएस करा दिए।

परेशान डॉक्टर ने अपने मिलने वाले एक परिचित को बताया कि वे अभी पुलिस की निगरानी में हैं और गिरफ्तारी से बचे हैं। इस पर परिचित को शक हुआ। उन्होंने ठगी होने की आशंका के साथ पुलिस से शिकायत करने के लिए कहा। हिम्मत कर डॉक्टर साइबर सेल पहुंचे और शिकायत की। क्राइम ब्रांच अजय पवार ने कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

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