जाति सम्मेलन अपराध नहीं तो ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर सवाल क्यों? बृजभूषण सिंह का तीखा हमला

भोपाल
अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक को सही ठहराया है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अगली बार जब ऐसी बैठक हो तो उसमें शामिल होने वालों की संख्या बढ़े। बृजभूषण ने न केवल इस बैठक को सही ठहराया, बल्कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की नाराजगी और चेतावनी को भी गलत करार दिया।
ब्राह्मण विधायकों की इस बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कहा, "अच्छा होता कि इस बैठक में कुछ और लोग भी शामिल होते। इस बैठक में न तो भाजपा के खिलाफ कुछ बोला गया और न ही मुख्यमंत्री के खिलाफ। जब कोई विरोध ही नहीं हुआ, तो इसमें दिक्कत कहां है? मुझे तो इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती।"
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा विधायकों को दी गई चेतावनी पर बृजभूषण ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की आधिकारिक चेतावनी नहीं है, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष के व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "प्रदेश अध्यक्ष ने क्यों चेतावनी दी? यह उनकी अपनी सोच हो सकती है। अगर विधायकों ने पार्टी विरोधी कोई वक्तव्य दिया होता, तब मैं समझता कि यह सही है या गलत। लेकिन अपनी जाति या समाज के लिए साथ बैठना कोई अपराध नहीं है।"
बृजभूषण शरण सिंह ने राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित किए जाने वाले जातिगत सम्मेलनों का उदाहण दिया। उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक पार्टियां खुद जातिवार कार्यक्रम और सम्मेलन आयोजित करती हैं, तो उसे गुनाह नहीं माना जाता। फिर अगर ब्राह्मण या राजपूत विधायक एक साथ बैठ गए, तो इसे लेकर इतना हंगामा क्यों है?
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, "मैं इस बैठक का स्वागत करता हूं, मुझे यह पसंद है। अगर किसी को यह बुरा लगा है, तो मुझे नोटिस दिलाइए। जिस दिन जाति आधारित सम्मेलन बंद हो जाएंगे, उस दिन ऐसी बैठकें भी अपने आप बंद हो जाएंगी।"
क्या है पूरा विवाद?
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के कुछ ब्राह्मण विधायकों ने एक अनौपचारिक बैठक की थी, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं। इसे पार्टी के भीतर एक गुटबाजी के तौर पर देखा जा रहा था, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए अनुशासन बनाए रखने की चेतावनी दी थी। अब बृजभूषण शरण सिंह के इस समर्थन ने पार्टी के भीतर के मतभेदों को सतह पर ला दिया है।





