वर्ष 2022-23 के मूल बजट प्रावधान में ढेरों गल्तियां ,महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने माँगा स्पष्टीकरण

 भोपाल

वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल बजट में इस बार सरकारी विभागों के अफसरों ने बजट प्रावधान करते समय कई गल्तियां की और त्रुटिपूर्ण बजट प्रावधान कर दिए। बजट की समीक्षा के बाद महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने इन गड़बड़ियों को लेकर विभागों के अफसरों पर नाराजगी जताई है, इन गल्तियों को लेकर विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

प्रदेश के मूल बजट की महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने जब समीक्षा की तो उसमें पाया कि बजट प्रावधान करते समय कई त्रुटिपूर्ण प्रावधान कर दिए गए। राजस्व अनुभाग के विभिन्न मुख्यशीर्षो में विस्तृत शीर्ष 61 सर्वेक्षण, अन्वेषण, रुपांकर और परियोजना प्रतिवेदन पर खर्च तथा 63 मशीनों के अंतर्गत त्रुटिपूर्ण बजट प्रावधान कर दिया गया। यह विस्तृत शीर्ष पूंजीगत प्रकृति का है जिसे राजस्व के अंतर्गत वर्गीकृत कर दिया। इसी तरह पूंजीगत अनुभाग में विभिन्न मुख्य शीर्षो में विस्तृत शीर्ष 31 व्यावसायिक सेवाओं हेतु अदायगियों ,32 लघु कार्य, 33 अनुरक्षण कार्य, 3  सामग्री एवं पूर्तियॉं, 35 विज्ञापन एवं प्रचार, 41 छात्रवृत्ति एवं वृत्तियां, 42 सहायक अनुदान, 43 अंशदान, 44 राजसहायता, 45 पूंजीगत परिसम्पत्तियों के निर्माण हेतु अनुदान, 50 प्रतिकर का भुगतान, 51 अन्य प्रभार, 53 डिक्रीधन का भुगतान(भारित) एवं 54(क्षतिपूर्ति) का त्रुटिपूर्ण बजट प्रावधान किया गया है। यह सभी राजस्व प्रकृति के है लेकिन अधिकारियों ने इसे पूंजीगत के अंतर्गत वर्गीकृत कर दिया।

इन पर भी जताई आपत्ति
व्यय के विस्तृत बजट अनुमानों  में सेगमेंट कोड के अंतर्गत जनजातीय  क्षेत्र उपयोजना तथा अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजनाओं को दर्शाया जा रहा है जिसके कारण राज्य के वित्त लेखें में लघु शीर्ष स्तर 796 एवं 789 में खर्च नहीं  दिख रहा है।  यह जनजातीय क्षेत्र उपयोगना 796 अनुसूचित जातियो के लिए विशेष घटक योजना कोड 789 को कार्यात्मक मुख्य उप मुख्य शीर्षो के नीचे जहां आवश्यक हो वहां खोला जाना चाहिए।  पर्यावरण से संबंधित बजट अनुमान मांग संख्या 04 मुख्य शीर्ष 2215 एवं 2217 में किया गया है जबकि मुख्य एवं लघु शीर्षो की सूची के अनुसार इस कार्यात्मक  मुख्य शीर्ष 335 परिस्थिति विज्ञान तथा पर्यावरण प्रदान किया गया है। महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने बार-बार सूचित करने के बाद भी गल्तियों में सुधार नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है। इन सभी त्रुटिपूर्ण वर्गीकरण से संबंधित संशोधन पर्ची जारी करने को कहा गया है।

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