प्रदेश पुलिस को चाहिए बॉडी वार्न कैमरा, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाए गए थे कैमरे

भोपाल
प्रदेश में अब हर जिले के पुलिस जवानों बॉडी वार्न कैमरा से लैस नजर आएंगे। बॉर्ड वार्न कैमरों को लेकर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के बाद सभी जिलों से इस कैमरे के लिए मांग पुलिस मुख्यालय तक पहुंची है। इन कैमरों की इतनी मांग हो गई कि पुलिस मुख्यालय ने भी अब इन कैमरों को सभी जिलों को यह कैमरे देने का तय कर लिया है।

पुलिस मुख्यालय ने पुलिस जवानों की वर्दी पर लगाने के लिए बॉडी वार्न कैमरों को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। यह पायलट प्रोजेक्ट भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा जिला मुख्यालय पर दिए गए थे। करीब पांच सौ कैमरे दिए गए थे। इन कैमरों का प्रयोग उन पुलिसकर्मियों ने किया जो सड़क पर होने वाली वाहन चैकिंग में जुटे रहते हैं। इनके अलावा कुछ ऐसे जवानों को भी दिया गया था जो अचानक कहीं चैकिंग करने के लिए जाते हैं।

पुलिस से सड़क पर विवाद ही हकीकत होगी रिकॉर्ड
इन कैमरों का सबसे ज्यादा फायदा पुलिस जवानों और अफसरों को हुआ है। चैकिंग के दौरान आए दिन होने वाले आमलोगों के पुलिस से विवाद में यह कैमरा उनका बचाव करता है। दरअसल पुलिस जवान के सामने होने वाला पूरा घटनाक्रम इस कैमरे में रिकॉर्ड हो जाता है। ऐसे में यदि कोई आम व्यक्ति पुलिस से विवाद को लेकर कोई शिकायत करता है तो इस कैमरे के जरिए आला अफसर उसकी जांच करते हैं। जिसमें पूरी हकीकत सामने आ जाती है। यह कैमरा जीपीएस और कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा सकता है।

900 कैमरे आएंगे
इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को इस कैमरोें को लेकर जिला पुलिस अधीक्षकों से उनकी डिमांड मांगी थी। जिस पर सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने अपनी मांग रख दी है। अब पुलिस मुख्यालय 900 बॉडी वॉर्न कैमरे खरीदने जा रही है। ये कैमरे प्रदेश के सभी जिलों में जाएंगे, हालांकि मांग के अनुसार फिलहाल जिलों को ये कैमरे नहीं मिल सकेंगे।

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