RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक ने काशी और मथुरा के मंदिरों का मुद्दा उठा दिया, राम मंदिर जैसे आंदोलन की जरूरत नहीं

नई दिल्ली
RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के मंदिरों का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने साफ किया है कि इन दोनों शहरों के मंदिरों के लिए राम जन्मभूमि जैसे आंदोलन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी परेशानियों के लिए एक ही तरीका नहीं अपनाया जा सकता। होसबाले को दोबारा संघ का सरकार्यवाह चुना गया है।

होसबाले ने मामले को अदालत में होने की बात कही। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, '(काशी और मथुरा का) मामला कोर्ट में सुना जा रहा है। अयोध्या का फैसला भी अदालतों के जरिए ही आया। अगर न्यायपालिका की तरफ से मामले को सुलझाया जा रहा है तो उस स्तर के आंदोलन की आंदोलन की क्या जरूरत है?' उन्होंने कहा, 'संतों और विहिप में मथुरा और काशी को दोबारा हासिल करने की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हर परेशानी के समाधान का तरीका एक जैसा नहीं हो सकता। सामाजिक और धार्मिक संगठनों की अगुवाई वाले हिंदू इन मुद्दों को समय-समय पर उठा सकते हैं।'

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को होसबाले को फिर सरकार्यवाह निर्वाचित किया। आरएसएस ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि होसबाले 2021 से सरकार्यवाह हैं और उन्हें 2024 से 2027 तक की अवधि के लिए पुन: इस पद पर चुना गया है। आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की शुरुआत यहां रेशिमबाग में स्मृति भवन परिसर में शुक्रवार को हुई। नागपुर में संघ मुख्यालय में छह साल के बाद यह बैठक हो रही है।

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