Ujjain में बच्ची के साथ हैवानियत करने वाला आरोपी पकड़ा गया

उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में नाबालिग लड़की से हुए दुष्कर्म मामले का पुलिस ने गुरुवार शाम खुलासा कर दिया। पुलिस की 28 सदस्यीय एसआईटी ने 72 घंटे तक 1000 सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपित ने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि उसने 15 वर्षीय किशोरी को अकेली देखकर सुनसान जगह पर ले गया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।

25 सितंबर को पुलिस को मिली जानकारी

उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि 25 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर महाकाल पुलिस स्टेशन में सूचना मिली कि एक बच्ची बड़नगर रोड पर मुरलीपुरा से आगे दांडी आश्रम के नजदीक लावरिस और घायल अवस्था में पड़ी मिली। इस सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बच्ची के कपड़े खून से सने हुए थे। वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी।
बच्ची को चरक अस्पताल में कराया गया भर्ती

एसपी ने बताया कि बच्ची को आनन-फानन में चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पांच डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। इस दौरान जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई।

बच्ची को इंदौर किया गया रेफर

एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि बच्ची को अंदरूनी चोट आई थी। उसकी गंभीर हालात को देखते हुए उसे इंदौर रेफर कर दिया गया है। हालांकि, इलाज के बाद अब उसकी हालत ठीक है।

एसआईटी को सौंपी गई जांच

एसपी के मुताबिक, दुष्कर्म की पुष्टि के बाद मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गई। एसआइटी ने उन तमाम जगहों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, जहां किशोरी गई हुई थी। आरोपी को पकड़ने के लिए एसआईटी ने करीब एक हजार फुटेज देखे। इस दौरान उसने कई लोगों से पूछताछ भी की।

आरोपी ऑटो ड्राइवर भरत सोनी ने कुबूला अपना जुर्म

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि नानाखेड़ा क्षेत्र के रहने वाले एक ऑटो चालक भरत सोनी बच्ची को अपने साथ लेकर कहीं गया हुआ था। इस जानकारी पर पुलिस ने गुरुवार को भरत को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, जिसमें उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।

पुलिकर्मियों पर आरोपी ने किया पथराव

पुलिस पूछताछ में भरत ने बताया कि उसने बच्ची को ऑटो में बैठाकर जीवनखेड़ी स्थित एक सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया। जब पुलिस आरोपी भरत को लेकर घटनास्थल पर पहुंची तो वह पुलिसकर्मियों को धक्का देकर भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिसकर्मियों पर पत्थर भी फेंके।

दो पुलिसकर्मी भी हुए घायल

हालांकि, भागने के दौरान ही वह एक गड्ढे में गिर गया और घायल हो गया। पथराव में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। फिलहाल, आरोपित को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने ऑटो और पीड़िता के कपड़े जब्त कर लिए हैं।

आरोपी पर पहले से दर्ज हैं दो मामले

ऑटो ड्राइवर भरत पर मारपीट और लापरवाही से वाहन चलाने के दो मामले पहले भी दर्ज हो चुके हैं। दुष्कर्म के बाद बच्ची को ऑटो चालक राकेश मालवीय ने भी देखा था, लेकिन उसने पुलिस को जानकारी नहीं दी। इस पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।

मानसिक रूप से कमजोर है पीड़िता

बताया जाता है कि नाबालिग बच्ची मानसिक रूप से कमजोर है। वह सतना के जैतवारा थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वह 24 सितंबर को घर से निकली थी। उसने घरवालों को बताया था कि वह कोई परीक्षा देने जा रही है।

आठवीं कक्षा में पढ़ती है पीड़िता

पीड़िता आठवीं क्लास में पढ़ती है। जिन लड़कियों के साथ वह स्कूल गई थी, वे सभी परीक्षा दे रही थीं। इसी दौरान बच्ची बस में बैठकर जैतवारा चली गई और फिर यहां से उज्जैन पहुंच गई। जब वह काफी समय तक घर नहीं लौटी तो उसके दादा ने 25 सितंबर को जैतवारा थाना पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

इसी दौरान, गांव के ही एक युवक ने जब न्यूज पेपर में उज्जैन में दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता की स्कूल ड्रेस देखा तो उसे संदेह हुआ और उसने इसकी जानकारी बच्ची के दादा को दी। इसके बाद सतना पुलिस बच्ची के परिजनों को अपने साथ लेकर उज्जैन रवाना हो गई।

बताया जाता है कि बच्ची की मां कई साल पहले घर छोड़कर कहीं चली गई है। अब घर में पिता, भाई और दादा ही रहते हैं। कहा जाता है कि बच्ची के पिता नशे के आदी हैं। पुलिस ने पहले बच्ची की उम्र 12 साल बताई थी। हालांकि, बाद में तस्दीक के बाद एफआइआर में उम्र 15 साल लिखी।

आठ किमी तक पैदल चली बच्ची

पुलिस ने बताया कि बच्ची सतना ने सोमवार तड़के तीन बजकर 15 मिनट पर उज्जैन पहुंची थी। यहां रेलवे स्टेशन के बाहर देवास गेट पर उसने कुछ ऑटो वालों से बात की। वह कुल छह आटो चालकों के संपर्क में आई थी। इस दौरान कुछ ऑटो चालक उसे घुमाते रहे। बाद में ऑटो चालक भरत उसे सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

दुष्कर्म के बाद नाबालिग लड़की करीब आठ किमी तक पैदल चली। इस दौरान उसने लोगों से मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। आखिरकार, सुबह 10 बजे बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम पर संचालक राहुल शर्मा ने उससे बात की, जिसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी महाकाल थाने और डायल 100 को दी।

'मेरा मुंह और गला दबा दिया था'

वहीं, पीड़िता बच्ची ने एफआईआर में काउंसलर की मदद से दिए अपने बयान में कहा कि वड़नगर रोड पर एक व्यक्ति उसके पास आया और मुंह और गला दबा दिया। इसके बाद उसने मेरे साथ गलत काम किया।बच्ची ने बताया कि मेरे प्राइवेट पार्ट से खून बहने लगा। मैं चिल्लाने लगी, इस पर उसने मेरा मुंह दबा दिया और भाग गया।

किशोरी की हालत में पहले से सुधार
इंदौर के एमटीएच अस्पताल में पीड़िता को भर्ती किया गया था, जहां 26 सितंबर को स्त्री रोग विशेषज्ञ, पीडियाट्रिक सर्जन, सर्जन और निश्चेतना विशेषज्ञ की टीम ने उसका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के दो दिन बाद अब उसकी हालत में सुधार है। डॉक्टरों ने अभी भी पीड़िता को निगरानी के तहत रखा है। उसकी हालत स्थिर है।

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