नतीजे से पहले कांग्रेस को सताने लगा हॉर्स ट्रेडिंग का डर? डीके शिवकुमार बोले- MLA संभालने को तैयार
नई दिल्ली
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने बाकी है। एग्जिट पोल के अनुमान सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी को विधायकों को लेकर डर सताने लगा है। इस सबके बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि वह पांचों राज्यों के विधायकों को संभालने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाती रहती है।
आपको बता दें कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल अनुमानों में राजस्थान में सत्ता बदलाव का रिवाज कायम रहने का अनुमान है, वहीं छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रह सकती है। कड़े मुकाबले वाले मध्य प्रदेश में भाजपा भारी पड़ सकती है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस बढ़त पर है। मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार हैं। इन अनुमानों के बीच सभी की निगाहें अब तीन दिसंबर पर है, जब मतगणना के बाद असल चुनाव नतीजे आएंगे।
तेलंगाना में मतदान समाप्त होते ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल अनुमान सामने आए हैं। बीते दो दशकों से हर बार सत्ता में बदलाव का रिवाज बनाने वाले राजस्थान में इस बार भी सत्ता बदलने के आसार है। विभिन्न संस्थाओं और टीवी चैनलों के दस एग्जिट पोल अनुमानों में पांच ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जताई है, जबकि एक में कांग्रेस की सरकार की संभावना जताई गई है। दो में कांग्रेस को बढ़त व दो में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान है।
मध्य प्रदेश के कड़े मुकाबले में आठ एक्जिट पोल अनुमानों में चार में भाजपा को बहुमत मिलने की संभावना व्यक्त की गई है, जबकि चार में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। मध्य प्रदेश में अभी भाजपा सत्ता में है, हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा के पांच सीटें आगे रही थी और सरकार बनाई थी। छत्तीसगढ़ में नौ एक्जिट पोल अनुमानों में भाजपा को किसी में भी सरकार बनने या बढ़त मिलने का अनुमान नहीं लगाया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस को चार में बहुमत और पांच में बढ़त मिलने के अनुमान व्यक्त किए गए हैं।
पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में इस बार त्रिशंकु विधानसभा उभर सकती है। हालांकि एक एग्जिट पोल में जेड पी एम को स्पष्ट ब बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है। राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट और जेड पी एम के बीच कड़ी टक्कर है। कांग्रेस तीसरी बड़ी पार्टी बन सकती है, जबकि भाजपा एक-दो सीटों तक ही रह सकती है।