ब्रुनेई पहुंचे भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस किल्टान का गर्मजोशी से हुआ स्वागत, दक्षिण चीन सागर में है तैनात

नई दिल्ली/बंदर सेरी बेगावान.

भारतीय नौसेना का जहाज किल्टान मुआरा, ब्रुनेई पहुंचा। वहां रॉयल ब्रुनेई नौसेना ने उसका स्वागत किया। यात्रा दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह यात्रा दोनों समुद्री देशों के बीच मित्रता को मजबूत करेगी। 20 मई को आईएनएस दिल्ली, आईएनएस शक्ति और आईएनएस किल्टान दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और समुद्री सहयोग को मजबूत करने के लिए मनीला, फिलीपींस पहुंचे।

भारतीय नौसेना के जहाज किल्टान की यात्रा खेल आयोजनों, सामाजिक आदान-प्रदान और सामुदायिक आउटरीच पर केंद्रित है, जो कि दोनों देशों और नौसेनाओं के साझा मूल्यों को दर्शाती है। यह यात्रा भारतीय नौसेना और रॉयल ब्रुनेई नौसेना के बीच समुद्र में एक समुद्री साझेदारी अभ्यास पर खत्म होगी। दोनों नौसेनाओं के सामरिक विकास से अंतर-संचालन और सवोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगी। यात्रा के दौरान, दोनों नौसेनाओं के कार्मिक विभिन्न प्रकार के पेशेवर संपर्कों में शामिल हुए। जिनमें विषय वस्तु विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, खेल कार्यक्रम, क्रॉस-डेक दौरे, सांस्कृतिक दौरे और सहयोगी आउटरीच कार्यक्रम शामिल थे। बता दें कि स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। क्योंकि मनीला ने विवादित क्षेत्रों में अधिक मुखर रुख अपनाया। फिलीपींस के तट से लगभग 220 किलोमीटर दूर और इसके अनन्य आर्थिक क्षेत्र के भीतर, यह शोल एक पारंपरिक मछली पकड़ने का मैदान है। इस मैदान का उपयोग कई राष्ट्र करते हैं। ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी समुद्र के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। स्वतंत्रता मिलने के कुछ समय बाद भारत और फिलीपींस ने नवंबर 1949 में औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित किए। दोनों देशों के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण और शांत रहे। भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाज नियमित रूप से फिलीपींस का दौरा करते हैं।

एक रिपोर्ट की मानें तो चीन ने लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा किया। वहीं फिलीपींस सहित अन्य देशों के दावों को खारिज कर दिया। एक अंतरराष्ट्रीय निर्णय में यह भी बताया गया कि न दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है।

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