भाजपा में 3 राज्य में मुख्यमंत्री की ताजपोशी पर मंथन

 

भोपाल

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनने के लिए दिल्ली में मंगलवार की देर रात तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच में मंथन होता रहा। इसके बाद यह संकेत मिले हैं कि तीन स्तर पर चर्चा करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। हालांकि इस सब के बीच ही मध्य प्रदेश में विधायक दल की बैठक जल्द करवाने के भी संकेत मिले हैं। सभी स्तरों पर बातचीत और रायशुमारी होने के बाद विधायक दल की बैठक होगी, इसके लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

जो भोपाल आकर विधायकों से चर्चा करेंगे, इसके बाद मुख्यमंत्री का नाम सार्वजनिक किया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छोड़कर प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं ने पिछले दो दिनों में पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इन दोनों नेताओं ने सभी से मुलाकात करने के बाद रात में एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में की। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। यह बैठक रात करीब 11.30 बजे तक चली। सूत्रों की मानी जाए तो मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनने के लिए पार्टी विभिन्न स्तरों से फीडबैक ले रही है। इसके बाद ही नई  सरकार के नेता का फैसला होगा।

संगठन, संघ और शीर्ष नेतृत्व जिस पर होंगे एकमत, तीन राज्यों में उनका राजतिलक
पार्टी राज्य की भावी राजनीति के साथ लोकसभा के समीकरणों को भी ध्यान में रख रही है। वह  सामाजिक समीकरणों को भी पूरी तरह से संतुलित कर चलेगी। उसमें सबसे पहले मध्य प्रदेश के सभी नेताओं से उनकी राय ली जाएगी। इसके साथ ही संगठन को भी इस बार महत्व देते हुए वहां से भी राय ली जाएगी। संघ से भी इस विषय पर राय मशविरा किया जा सकता है। इन तीन स्तरों पर बात होने के बाद विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें भी रायशुमारी की जा सकती है। इन चार स्तर पर चर्चा के बाद ही मुख्यमंत्री का नाम सार्वजनिक किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

रिकॉर्ड कायम रखने की  होगी जिम्मेदारी
देश में अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव होना है। मध्य प्रदेश में अभी 28 सीटों पर भाजपा काबिज है। जबकि एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। भाजपा इस बार लोकसभा की सभी 29 सीटें जीतने का प्रयास करेगी। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव से कम सीटें न जीते इसे भी ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री का चयन हो सकता है। जिन्हें भी मुख्यमंत्री बनाया जाएगा उन पर तीनों राज्यों में रिकॉर्ड कायम रखने की जिम्मेदारी होगी।

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