महाकवि कालिदास की कृतियाँ हमें आनन्द से भरती हैं : राज्यपाल पटेल

  • अ.भा.कालिदास समारोह-2022 का शुभारम्भ

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ कर वे अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। महाकवि कालिदास की कृतियाँ हमें आनन्दित करती हैं। संगीत से मन प्रफुल्लित होता है। जिन कलाकारों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से विभूषित किया गया है, उन्होंने अपनी कला और संगीत से आनंद दिया है। कथक नृत्य भगवान की स्तुति पर आधारित है। राज्यपाल पटेल ने कहा कि बीते दिनों महाकाल लोक का प्रसारण पूरी दुनिया के 24 देशों में देखा गया। नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, कला, साहित्य, इतिहास और महापुरूषों का समय-समय पर परिचय देना चाहिये। हम सब भारत माता के प्रति हृदय से भक्ति रखे और देश के गौरवशाली इतिहास को जीवन में उतारें। महापुरूषों के आदर्श पर चलें। हमारा साहित्य और कला सदैव हमें प्रेरणा देते रहेंगे।

राज्यपाल पटेल ने शुक्रवार को देव प्रबोधिनी एकादशी पर सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह-2022 का शुभारम्भ किया। सारस्वत अतिथि तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्यजी महाराज थे। अध्यक्षता संस्कृति मंत्री सुउषा ठाकुर और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने की। सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक महिदपुर बहादुरसिंह चौहान विशिष्ट अतिथि थे। कालिदास संस्कृत अकादमी के पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में विक्रम विश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के तत्वावधान में समारोह का शुभारम्भ हुआ।

समारोह में पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी (सितार वादन), पद्मडॉ.पुरू दाधीच (कथक नृत्य), वासुदेव कामथ (चित्रकला) और रंगकर्मी एवं प्रसिद्ध अभिनेता राजीव वर्मा को राज्य शासन के प्रतिष्ठित अलंकरण ‘राष्ट्रीय कालिदास सम्मान’ से विभूषित किया गया।

सारस्वत अतिथि स्वामी रामभद्राचार्यजी महाराज ने संस्कृत में आशीर्वचन दिया। संस्कृति मंत्री सुउषा ठाकुर ने कहा कि महाकवि कालिदास के जीवन का वर्णन हमारे द्वारा समय-समय पर सुना और पढ़ा जाता रहा है। साहित्य, कला, संस्कृति और संस्कार मानव जीवन को परिपूर्ण करते हैं। इन विधाओं के सम्पूर्ण विकास के लिये संस्कृति विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाली पीढ़ी रामचरित मानस के आदर्शों को अपने जीवन में उतार सके, उनसे परिचित हो सके, इसके लिये संस्कृति विभाग द्वारा रामचरित मानस पर आधारित ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन बीते दिनों किया गया है। मंत्री सुठाकुर ने कहा कि उन्होंने महू विधानसभा में 234 स्कूल का नामकरण देश के महान क्रान्तिकारियों के नाम पर किया है। आने वाली पीढ़ी क्रान्तिकारियों के जीवन परिचय से भलीभांति परिचित हो, यह हम सबका प्रयास होना चाहिये। सभी लोग अपने घरों में देश के महान क्रान्तिकारियों के चित्र अवश्य लगायें।

प्रदर्शनी का शुभारंभ

राज्यपाल पटेल ने समारोह के शुभारम्भ के पहले कालिदास अकादमी परिसर में स्थित कवि कुलगुरू कालिदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद रघुवंशम में लगी प्रदर्शनी का शुभारम्भ दीप जला कर किया। उन्होंने प्रदर्शनी के शुभारम्भ पर विजिटर्स बुक में लिखा कि “अखिल भारतीय कालिदास समारोह में आकर मुझे प्रसन्नता हुई है। संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किये जा रहे इस प्रयास की मैं सराहना करता हूँ। सफल आयोजन के लिए आयोजकों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामना।” राज्यपाल ने अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर द्वारा लगाई गई सिक्कों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ कर अवलोकन किया। राज्यपाल ने परिसर में हाथ करघा एवं हस्त शिल्प मेले का और परिसर में गणेश प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप-दीपन कर मेले का शुभारम्भ किया।

अतिथियों द्वारा महाकवि कालिदास और पं. सूर्यनारायण व्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन तथा माल्यार्पण कर समारोह का शुभारम्भ किया गया। शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय के स्टाफ और विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती गान और मध्यप्रदेश गान का गायन किया गया। अतिथियों द्वारा पुस्तक "दुर्वा" और "मेघदूत" के भोजपुरी अनुवाद एवं कालिदास राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी के ब्रोशर का विमोचन किया गया। अकादमी के निदेशक और संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी ने स्वागत भाषण दिया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने आभार माना।

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