कैलाश विजयवर्गीय बन सकते है प्रदेशाध्यक्ष? दिल्ली से 2 दिन बाद इंदौर लौटे राष्ट्रीय महासचिव को लेकर चर्चाएं तेज

इंदौर
 बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और विधानसभा क्रमांक 1 से विधायक कैलाश विजयवर्गीय  दिल्ली से इंदौर लौट आए हैं। 13 दिसंबर को विजयवर्गीय मप्र के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री के शपथ समारोह के बाद भोपाल से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। मोहन यादव को सीएम बनाए जाने के बाद अब मध्यप्रदेश के सियासी हल्कों में चर्चा है कि लोकसभा चुना को ध्यान में रखते हुए बीजेपी कैलाश विजयवर्गीय को मध्यप्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

दरअसल, सीएम की रेस में शामिल रहे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्रमांक 01 से विधायक कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर की जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाह रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी ने सबको हैरान करते हुए एक बार फिर नए चेहरे को प्रदेश का मुखिया बनाया है। वहीं, खबरें है कि कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

मंत्रिमंडल में नहीं होंगे शामिल

ये भी खबर है कि कैलाश विजयवर्गीय मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे, इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव उनके जूनियर हैं। विजयवर्गीय ने कहा है कि मेरी जगह इंदौर से रमेश मेंदोला को मंत्री बनाया जाए। मेंदोला चार बार के विधायक हैं और प्रदेश में सबसे अधिक मतों से जीते हैं।

तो क्या प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे विजयवर्गीय ?

लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। वी डी शर्मा, मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी केंद्रीय संगठन दमदार नेता कैलाश विजयवर्गीय को मध्यप्रदेश बीजेपी की बागडोर देने की तैयारी में हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कैलाश विजयवर्गी को मालवा निमाण की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और मध्य प्रदेश में बंपर वोटों के साथ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंचे. खुद कैलाश विजयवर्गीय भी लगभग 58 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया. बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. परिणाम देखकर कह सकते हैं कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दिया है. इधर कैलाश विजयवर्गी की भविष्य में क्या भूमिका रहेगी इसको लेकर इंदौर में अटकलें का दौर शुरू हो चुका है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले हैं. 

मोहन यादव के राजीतिक गुरु हैं कैलाशि विजयवर्गीय
बात करें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की तो इंदौर में सभी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि कैलाश विजयवर्गी मोहन यादव के राजनीतिक गुरु हैं, ऐसे में कहा जा सकता है कि शासन और प्रशासन में कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ा है. मंत्रिमंडल के गठन में भी कैलाश विजयवर्गीय की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं. खास तौर पर मालवा निमाड़ आंचल में इस बार कैलाश विजयवर्गी की सहमति के बिना ना तो कोई मंत्री बन सकेगा और ना ही संगठन में बड़ा पद ले पाएगा यह भी तय बात है. दूसरी तरफ सियासी हलकों में कैलाश विजयवर्गी का नाम मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चर्चा में है और निश्चित रूप से वे इस पद के स्वाभाविक और योग्य दावेदार भी हैं.

मालवा निमाड़ से सीएम, डिप्टी सीएम के बाद प्रदेश अध्यक्ष?
हालांकि क्षेत्रीय समीकरण इस बात की इजाजत नहीं देते क्योंकि मध्य प्रदेश को मुख्यमंत्री उज्जैन जिले से मिल चुका है. इसके अलावा नीमच जिले से जगदीश देवड़ा उपमुख्यमंत्री के तौर पर सामने आए हैं. ऐसे में मालवा निमाड़ क्षेत्र से एक मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री बनने के बाद, ये कहना है मुश्किल है कि अब मालवा के हिस्से में प्रदेश अध्यक्ष का पद भी आएगा. एक दूसरे पहलु से गौर करने पर ये भी यह समीकरण फेल होता दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक ही प्रदेश से दो बड़े पदों पर आसीन हैं. इसलिए बीजेपी की राजनीति में कुछ भी संभव नहीं कहा जा सकता. दूसरी तरफ डॉक्टर समर सोलंकी को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.

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