जेपी नड्डा के मोदी कैबिनेट में मंत्री बन जाने के बाद अब भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश भी शुरू
नई दिल्ली
वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मोदी कैबिनेट में मंत्री बन जाने के बाद अब भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश भी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने तक किसी नेता को उसी तरह से पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है, जैसे 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के कैबिनेट मंत्री बनने पर जेपी नड्डा को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों का कामकाज देखते रहेंगे।
यह भी बताया जा रहा है कि जिस नेता को पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जाएगा, वही चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद पार्टी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। भाजपा के संविधान के मुताबिक, पार्टी में हर स्तर पर संगठन के अंदर चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है।
बताया जा रहा है कि भाजपा 1 अगस्त से देशभर में सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है, जिसे 15 सितंबर तक चलाया जाएगा। इसके बाद 1 से 15 नवंबर तक देशभर में भाजपा मंडल स्तर पर मंडल अध्यक्षों और 16 से 30 नवंबर के बीच जिला स्तर पर जिला अध्यक्षों का चयन करेगी। इसके बाद दिसंबर में भाजपा सभी राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्षों का चयन करेगी और इसके बाद ही भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
भाजपा के संविधान की धारा-19 के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं। लेकिन, इससे पहले पार्टी को जिला से लेकर राज्य स्तर तक चुनाव की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार ही कराया जाता है। पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकेगा, जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो।
निर्वाचक मंडल में से कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे। यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों। नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति आवश्यक है। इससे पहले आम तौर पर देशभर में पार्टी द्वारा सदस्यता अभियान भी चलाया जाता है और इस सारी प्रक्रिया को पूरा होने में पांच-छह महीने का वक्त लगता है।