लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश, हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हुए हमले तो ब्रिटेन-US पर बरसा तुर्की
नई दिल्ली/वाशिंगटन.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमलों के बाद अमेरिका और ब्रिटेन पर बल के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। नाटो सदस्य अंकारा द्वारा गाजा युद्ध पर इजरायल की बार-बार आलोचना करने के बाद आगबबूला होते हुए तुर्की नेता ने दोनों देशों पर लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
रेसेप तईप एर्दोगन, जिन्होंने हमास के खिलाफ इजरायल के अभियान का समर्थन करने के लिए पश्चिमी देशों की बार-बार आलोचना की है, ने कहा कि लाल सागर में जहाजों पर हूती हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में यमन में अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा हवाई और समुद्री हमले अनुपात में नहीं हैं। एर्दोगन ने कहा कि जो कुछ भी किया गया है वह बल का अनुपातहीन इस्तेमाल है। उन्होंने आगे कहा, "फिलहाल, वे हूती के साथ और सभी का उपयोग करके, लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन को इस क्षेत्र में आवश्यक प्रतिक्रिया देंगे।'' उन्होंने कहा कि अंकारा ने विभिन्न चैनलों से सुना कि हूती अमेरिका और ब्रिटेन के खिलाफ बहुत सफल बचाव, प्रतिक्रिया कर रहे थे। उन्होंने कहा, ईरान यह देख रहा था कि वह जो कुछ भी हो रहा है उसके खिलाफ खुद की रक्षा कैसे कर सकता है। बता दें कि तुर्की यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन करता है और उसने इसके और हूतियों के बीच शांति लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली प्रक्रिया का भी समर्थन किया है, जिन्होंने देश के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। इससे पहले अंकारा ने सऊदी अरब पर हूती मिसाइल हमलों की निंदा की थी।
अमेरिका, ब्रिटेन की सेना ने हूती विद्रोहियों पर किए थे हमले
इससे पहले, अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन से अधिक स्थलों पर गुरुवार को बमबारी की थी। इनमें साजो सामान रखने वाले स्थान, हवाई रक्षा प्रणाली और हथियार भंडारण वाले स्थान शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हमलों का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी लाल सागर में आतंकवादी समूह के हमलों को 'बर्दाश्त नहीं करेंगे'। बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने पूरी तरह सोच समझ कर यह कदम उठाया है।
'ठिकानों पर हमले आत्मरक्षा के लिए किए'
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का कहना है कि यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों के खिलाफ अमेरिका के साथ मिलकर किया गया संयुक्त हवाई हमला आत्मरक्षा के लिए आवश्यक था। नवंबर 2023 से लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय नौवहन को निशाना बना रहे हूती के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाला यह पहला हमला है। सुनक ने ईरान समर्थित समूह पर ब्रिटेन के जहाजों को धमकी देने का आरोप लगाया। अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि यमन में हूती द्वारा इस्तेमाल किए गए 16 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया। सुनक ने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बार-बार चेतावनियों के बावजूद, हूती ने लाल सागर में हमले जारी रखा है, जिसमें इस सप्ताह ब्रिटेन और अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले भी शामिल हैं।''