बैंकों को कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने की आवश्यकता है: मोहन भागवत

ठाणे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कमजोर वर्गों की आवश्यकताओं को पहचानना और इन वर्गों के लोगों को सशक्त बनाना बैंकों की जिम्मेदारी है।

भागवत ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण इलाके में 'कल्याण जनता सहकारी बैंक' के स्वर्ण जयंती समारोहों के समापन के अवसर पर  कहा कि कमजोर वर्गों की आर्थिक समृद्धि बैंकों की नींव है।उन्होंने कहा कि बैंकों को सभी आर्थिक मापदंडों को बनाए रखते हुए सामाजिक विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।उन्होंने कहा कि यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे ''कमजोर वर्गों की जरूरतों की पहचान करें'' और उन्हें सशक्त बनाएं।

उन्होंने कहा कि 'कल्याण जनता सहकारी बैंक' जब स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है तो ऐसे में यह देखने की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि यह संस्था भविष्य में और अधिक गतिशील रूप से कैसे चलेगी। उन्होंने कहा कि बैंक की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोहों की शुरुआत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में पिछले साल की गई थी।

बीते एक सप्ताह पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)प्रमुख मोहन भागवत जालंधर में अपने तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संघ से जुड़े लोगों का साथ बैठक की थी। जिसमें पड़ोसी राज्य हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर के प्रचारकों के साथ कई विषयों पर भी चर्चा की गई। वहीं तीन दिसंबर को नागपुर में एक धर्मार्थ ट्रस्ट सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा शोधकर्ताओं, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों को संबोधित किया था। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, देश में विकास ने अच्छी गति पकड़ ली है। यह गति सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

 

 

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