भाजपा की चुनौती : बैज प्रदेश को बताएँ कि केंद्र सरकार ने कब आवास योजना के लिए मना किया?

रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आवास योजना रोकने के लगाए गए आरोप को सफेद झूठ का पुलिंदा करार दिया है। शर्मा ने चुनौती दी कि बैज प्रदेश को बताएँ कि केंद्र सरकार ने कब इस योजना के लिए मना किया? सच तो यह है कि आज के उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन पंचायत मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए पत्र लिखकर मुख्यमंत्री बघेल को प्रधानमंत्री आवास योजना रोकने का दोषी ठहराया था जिसके चलते 8 लाख गरीबों को पक्के आवास की योजना से वंचित होना पड़ा था।

शर्मा ने कहा कि दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज की संगठन में कोई पकड़ है नहीं, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रहमोकरम पर इस पद तक पहुँच गए हैं तो अपनी 'हाजिरी लगाने' के लिए इस तरह के बेसिर-पैर के बयान देते रहते हैं। ऐसा लग रहा है कि आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने के बाद से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अब ऊँचे ख्वाब देखने लगे हैं और इसीलिए इस तरह के निरर्थक बयान देकर खुद को अव्वल साबित करने की मशक्कत कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस जिस तरह बयानबाजी के लिए बैज का इस्तेमाल कर रही है, उससे बैज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कम, और कांग्रेस के संचार प्रमुख के सहयोगी के तौर पर काम करते ज्यादा नजर आ रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि झूठ पर झूठ बोलकर केंद्र की सरकार पर ऊलजलूल आरोप लगाने की जिस गंदी लत से प्रदेश कांग्रेस और भूपेश सरकार के लोग ग्रस्त नजर आ रहे हैं, उस कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को एक बार उपमुख्यमंत्री सिंहदेव का रायगढ़ में कहा गया सच सुन लेना था। उनको मुख्यमंत्री बघेल के उस बयान को भी याद करना था, जिसमें मुख्यमंत्री ने 8 लाख गरीबों के आवास के लिए राज्यांश देने से मना किया था कि इस योजना में 'प्रधानमंत्री' शब्द जुड़ा है, इसलिए इसका पूरा पैसा केंद्र सरकार दे। राजनीतिक ओछेपन और गरीब विरोधी मानसिकता का इससे बड़ा शर्मनाक उदाहरण शायद ही देश में कहीं और देखने-सुनने को मिला होगा।

उन्होंने कहा कि जिस प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर झूठ बोलकर प्रदेश के कांग्रेस और भूपेश सरकार के लोग प्रलाप कर रहे हैं, उसका एक सच यह भी है कि केंद्र की सरकार की तरफ से लिखीं चिठिठयाँ सार्वजनिक पटल पर हैं जिसमें 6 जुलाई 2021 को केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्रालय से नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा पत्र, 15 सितंबर 2021 को केन्द्रीय ग्रामीण तथा पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा लिखा पत्र, 22 अगस्त 2022 को मंत्रालय के उपमहानिदेशक द्वारा लिखा पत्र शामिल है। इन पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने संज्ञान नहीं लिया था। उल्टे, 15 मार्च 2023 को जनता जब कांग्रेसी मुख्यमंत्री बघेल से अपने आवास मांगने विधानसभा परिसर में पहुंची तो उनसे चर्चा करने के बजाय भूपेश बघेल ने  अपनी पुलिस को आगे करके उन पर बम फिंकवाये जिसमें कई लोग घायल हुए। प्रदेश के 16 लाख लोगों के आवास छीनने के कलंक से वह नहीं बचेगी।

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