सर्वाधिक कर जमा करने वाले व्यवसायी भामाशाह पुरस्कार से होंगे सम्मानित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे सम्मानित
5 श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार, 3 नवबंर को रविन्द्र भवन में होगा समारोह
भोपाल
राज्य शासन ने प्रदेश में जीएसटी कानून के अंतर्गत सर्वाधिक कर जमा करने वाले व्यवसायियों को सम्मानित करने की अनूठी पहल शुरू की है। इसमें विगत वर्ष 2020-21 और 2021-22 में सबसे ज्यादा कर जमा करने वाले व्यवसायियों को भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 नवबंर को रवीन्द्र भवन में आयोजित समारोह में व्यवसायियों को सम्मानित करेंगे। वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना एवं आर्थिक-सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भामाशाह पुरस्कार की स्थापना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में माल और सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों में करदाताओं द्वारा जमा राज्य जीएसटी की राशि तथा आईजीएसटी सेटलमेंट से राज्य को प्राप्त कर राशि के आधार पर सर्वाधिक कर राशि जमा करने वाले सप्लायर को प्रोत्साहित करना है।
पाँच श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार
राज्य स्तर पर पुरस्कार देने के लिए सप्लायर्स की 5 श्रेणियाँ बनाई गई हैं।
1. ऐसे सप्लायर जिनका टर्न ओवर संबंधित वित्तीय वर्ष में डेढ़ करोड़ रूपये से कम है।
2. ऐसे सप्लायर जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्नओवर 1.50 करोड़ रूपये से ज्यादा किंतु 50 करोड़ रूपये से कम है।
3. ऐसे सप्लायर्स जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा लेकिन 500 करोड़ से कम है।
4 .ऐसे सप्लायर्स जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्न ओवर 500 करोड़ रूपये से ज्यादा है। पाँचवीं श्रेणी शासकीय विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों की है।
प्रथम श्रेणी :– प्रथम करदाता को एक लाख रूपये और प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 50 हजार
रूपये एवं प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
द्वितीय श्रेणी :- प्रथम करदाता को 5 लाख रूपये एवं प्रमाण-पत्र और द्वितीय करदाता को 3 लाख
रूपये एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
तृतीय श्रेणी :– प्रथम करदाता को 7 लाख रूपये और प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 5 लाख
रूपये एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
चतुर्थ श्रेणी :- प्रथम करदाता को 10 लाख रूपये एवं प्रमाण-पत्र और द्वितीय करदाता को 7 लाख
रूपये एवं प्रमाण-पत्र मिलेगा।
पाँचवीं श्रेणी :- प्रथम करदाता को 3 लाख रूपये एवं प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 2 लाख
रूपये एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।