2027-28 तक सीमेंट इंडस्ट्री 15-16 करोड़ टन क्षमता जोड़ने को तैयार: रिपोर्ट
कोलकाता
देश में सीमेंट उद्योग को इस वित्त वर्ष से अगले पांच वर्षों में 15 से 16 करोड़ टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता जोड़ने की उम्मीद है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
बुनियादी ढांचे और आवास क्षेत्रों में अनुमानित मांग वृद्धि पर नजर रखते हुए, क्षमता में वृद्धि जैविक तथा अजैविक दोनों तरीके से होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारत में कुल सीमेंट विनिर्माण क्षमता करीब 59.5 करोड़ टन प्रति वर्ष है, जिसमें पिछले पांच वित्तीय वर्षों में 11.9 करोड़ टन प्रति वर्ष जोड़ा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अगले वित्त वर्ष में सात से 7.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वृद्धि शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें करीब 55 प्रतिशत देश के पूर्वी तथा मध्य क्षेत्रों में केंद्रित है।
रिपोर्ट के अनुसार, नियोजित क्षमता वृद्धि में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 50 से 55 प्रतिशत होगी। पिछले दो वित्त वर्ष में मजबूत मांग ने बड़ी कपंनियों और कुछ मध्यम आकार की कंपनियों की बैलेंस शीट को मजबूत किया है, जिससे वे क्षमता विस्तार करने को प्रेरित हुईं।
एलएंडटी को भारत और विदेशों में मिले बड़े ठेके
नई दिल्ली
लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की इकाई हेवी इंजीनियरिंग को घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कई बड़े ठेके मिले हैं।एलएंडटी ने हालांकि ठेके की राशि की जानकारी नहीं थी लेकिन वह किसी ठेके का मूल्य 1000 से 2500 करोड़ रुपये के बीच होने पर ही उसे 'बड़ा' बताती है।
कंपनी ने बीएसई को दी जानकारी में बताया, ‘‘एलएंडटी हेवी इंजीनियरिंग (एचई) के मॉडिफिकेशन, रिवैम्प और अपग्रेड (एमआरयू) व्यवसाय खंड को एक प्रमुख तेल तथा गैस ग्राहक से उनके महत्वपूर्ण डीबॉटलनेकिंग प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ा ठेका मिला है। पिछले कुछ वर्षों से एमआरयू व्यवसाय ने पश्चिम एशिया के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया है और यह ठेका पश्चिम एशिया में एमआरयू व्यवसाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।''
शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार, एमआरयू व्यवसाय ने (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) आईओसीएल गुजरात रिफाइनरी से कोक ड्रम मरम्मत परियोजना भी हासिल कर ली है।
कंपनी ने विदेशों में कई महत्वपूर्ण उपकरणों के ठेके भी हासिल किए हैं।
घरेलू मोर्चे पर कंपनी को रिफाइनरी परियोजना के लिए उच्च दबाव वाले हीट एक्सचेंजर्स के निर्माण का ठेका मिला है।
लार्सन एंड टुब्रो 23 अरब अमेरिकी डॉलर की भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है।