सांस्कृतिक-साहित्यिक महोत्सव जश्न ए जबाँ का रंगारंग आगाज
रायपुर
प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से प्रदेश के साथ साथ सम्पूर्ण देश के नामचीन साहित्यकारों एवं कलाकारों से प्रदेश के कला प्रेमियों को रूबरू करवाने के उद्देश्य से व प्रदेश की युवा प्रतिभाओं को स्थान देने के लिए सतत कार्यरत सुप्रसिद्ध संस्था साईंनाथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित जश्न-ए-जबाँ संस्करण 3 का तीन दिवसीय आयोजन का रंगारंग आगाज राजधानी के वीरांगना आॅडोटोरियम चौबे कालोनी में हुआ। जिसके प्रथम दिवस का प्रारंभ कनिष्क एवं वरिष्ठ कलमकार की खोज के ग्रैंड फिनाले के साथ हुआ।
गौरतलब है कि विगत दिनों आॅनलाइन आॅडिशन के माध्यम से प्रदेश भर के लगभग 200 कलमकारों ने आॅडिशन में हिस्सा लिया, जिसमे से ज्यूरी द्वारा चयनित श्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों ने ग्रैंड फिनाले में अपनी प्रस्तुति दी। ततपश्चात पूरे महोत्सव का विधिवत शुभारंभ मुख्यअतिथि पद्मश्री भारती बंधु, वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज व रश्मिलता मिश्रा के विशिष्ट आतिथ्य में दीप प्रज्वलित कर किया गया। अपने स्वागत उद्बोधन में संस्था के अध्यक्ष आशिष राज सिंघानिया द्वारा प्रदेश में संस्था द्वारा कला, संस्कृति, साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया एवं आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान ग्रैंड फिनाले के निर्णायकगण प्रसिद्ध शायर डॉ सूफी शाद बिलासपुरी, उर्मिला देवी उर्मि व डॉ रूपेंद्र राज का मंच द्वारा सम्मान किया गया व दोनो वर्ग के विजेताओं क्रमश: पुष्पराज केशरवानी, गीतांजलि सिन्हा व प्रिंस सोनी एवं रोशनी दीक्षित, पंखुरी मिश्रा व राकेश अग्रवाल को विजेता ट्रॉफी एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
विभिन्न सत्रों में आयोजित कार्यक्रमों की सृंखला में बिलासपुर की युवा नृत्यांगना राधिका पाखी द्वारा नयनाभिराम शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। इसके बाद पुणे से आये युवा संगीतकार सुमेध बगाईतकर ने इलेक्ट्रिक पियानो में शास्त्रीय व फ्यूजन की शानदर प्रस्तुति दी। जिसमे उनके साथ तबले में रामचन्द्र सरपे एवं आक्टोपेड में दीपक सिन्हा ने संगत किया।
प्रथम दिवस के चौथे सत्र में प्रदेश एवं देश के सुप्रसिद्ध युवा कवियों की शानदार प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई प्रदान की। जिसमें मुरैना मध्यप्रदेश से शिवांगी शर्मा प्रेरणा, कटनी से प्रियंका मिश्रा, रायपुर से रिक्की बिंदास व इमरान अब्बास, खैरागढ़ से भावेश देशमुख, कवर्धा से अभिषेक पांडेय व बीजापुर से पुरुषोत्तम चंद्राकर ने अपने कविताओं से स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का संचालन अभिषेक पांडेय ने किया।
अंतिम सत्र में सुप्रसिद्ध सूफी गायक नरिंदर पाल सिंह निन्दर बिलासपुर ने सूफी संगीत से शानदार समां बांधते हुए श्रोताओं को देर रात तक झूमने में मजबूर कर दिया। विदित हो कि प्रतिष्ठित संस्कृतिक, साहित्यिक महोत्सव जश्न-ए जबाँ के इस तीसरे संस्करण में विभिन्न कलाकारों अविनाश भट्ट, साहिल मोटवानी, ममता धुरडे एवं नौसिखिया आर्ट्स कम्युनिटी द्वारा चित्र व फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसे दर्शकों का भारी प्रतिसाद मिल रहा है।