दिल्ली नगर निगम की आमदनी टोल से बढ़ेगी, सालाना आता है 786 करोड़ रुपये का राजस्व

नई दिल्ली

फंड की कमी का सामना कर रही दिल्ली नगर निगम के लिए राहत बड़ी खबर यह है कि उसका टोल से राजस्व बढ़ाने की उम्मीद है। अभी दिल्ली नगर निगम को टोल से सालाना 786 करोड़ रुपये का राजस्व आता है जो कि अगले वर्ष 1000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा होने की उम्मीद है।

वर्तमान टोल कंपनी का टेंडर अप्रैल 2024 में खत्म होगा। ऐसे में नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया में जाने के लिए एमसीडी प्रशासनिक स्वीकृति के लिए जल्द ही यह प्रस्ताव लेकर आएगा।

अप्रैल 2024 तक मान्य है निविदा

दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी में बताया कि वर्ष 2021 में एमसीडी ने जब टेंडर किया था तो 637 करोड़ का आरक्षित मूल्य रखा था टेंडर प्रक्रिया में जाने से निगम को 786 करोड रुपये की सर्वाधिक निविदा मिली थी, यह निविदा अप्रैल 2024 तक मान्य है। इसलिए हम नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की तैयारी कर रहे हैं। हमने इसके लिए 847 करोड रुपये का आरक्षित मूल्य रखा है।

1000 करोड़ रुपये से अधिक आय का अनुमान

टेंडर प्रक्रिया में जाने के बाद हमको 1000 करोड़ रुपये से अधिक आय का अनुमान है। उन्होंने कहा कि बिना स्थायी समिति के हम टेंडर प्रक्रिया में नहीं जा सकते हैं, इसलिए हम पहले से तैयारी करके रख रहे हैं और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद जैसे ही स्थायी समिति का गठन होगा, हम यह प्रस्ताव समिति के सामने रख देंगे।

अगर अप्रैल तक स्थाई समिति का गठन नहीं होता है तो हम छह महीने के लिए टोल कंपनी का कार्य अवधि बढ़ा देंगे। क्योंकि उसकी टेंडर की शर्तों में यह शर्त भी शामिल है। उल्लेखनीय की दिल्ली नगर निगम दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों से टोल की वसूली करता है दिल्ली में कुल 124 टोल नाके हैं।

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