कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए ओंकारेश्वर में उमड़े श्रद्धालु

ओंकारेश्वर
तीर्थनगरी में मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनार्थ आस्था का जनसैलाब उमड़ा। पंचकोसी यात्रा का समापन होने से श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद ओंकार पर्वत की परिक्रमा की। पूर्णिमा पर करीब एक लाख श्रद्धालु स्नान और दर्शन करेंगे। इसके साथ ही पांच दिवसीय कार्तिक मेले का भी समापन हो जाएगा।

नगर परिषद, ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट प्रशासन और पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। नर्मदा के घाटों पर सुरक्षाकर्मी और गोताखोरों की तैनाती के साथ पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। उसे एसडीएम सीए सोलंकी, टीआई बलराम सिंह राठौर, सीएमओ मोनिका पारधी अन्य अधिकारी व कर्मचारी सुबह से व्यवस्थाओं में जुटे हैं। पुराने झूला पुल पर भीड़ भी नियंत्रण के लिए पुलिस को तैनात किया है।

नर्मदा-तवा संगम तट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्‍था की डुबकी

नर्मदापुरम
 नर्मदा व तवा नदी के संगम स्थल बांद्राभान में मेला शुरू हो चुका है। मंगलवार को चंद्रग्रहण के चलते सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ संगम स्थल पर उमड़ पड़ी। सैकड़ों श्रध्दालुओं ने पवित्र संगम स्थल पर सूतक काल शुरू होने से पहले डुबकी लगाई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने समुचित व्यवस्था की। सिटी कोतवाली, देहात थाना, पुलिस लाइन के 200 जवानों को तैनात किया गया है। संगम स्थल पर 60 होमगार्ड जवान व 200 आपदा मित्र तैनात हैं।

कमांडेंट राजेश जैन ने बताया कि संगम स्‍थल पर तीन स्थायी शिविर भी तैयार किये गए हैं जिसमे जवानो को ठहराया गया है। संगम स्थल पर डुबकी लगाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। करीब एक किमी पहले ही वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। कई गांव के लोग पड़िहार के साथ पहुंचे। ग्रामीणों का मानना है कि प्रेत बाधा संगम स्थल पर स्नान करने से दूर हो जाती है। संगम स्थल पर एक व्यक्ति को भाव आने पर उसे डुबकी लगवाई गई। लोगों ने पूजन किया। कुछ देर बाद वह व्यक्ति शांत भाव मे आ गया। उसे संगम स्थल से परिजन बाहर निकाल कर लाये।

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