ढाबा संचालक के गाल को चापड़ से काटा

 बिलासपुर
 बिलासपुर से क्राइम को खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। क्राइम का ग्राफ दिन ब दिन और बढ़ता जा रहा है। जहां आये दिन चाकू बाजी बढ़ता जा रहा है। किन कारणों से इन अपराधियों के हौसलें इतने बुलंद होते जा रहा है। कही न कही इसमे पुलिस की कार्यशैली पे भी सवालिया निशान उठता है। कुछ समय पूर्व कोनी थाने क्षेत्र में ही एक और ढाबा संचालक पर हमला हुआ था। कहने को तो पुलिस प्रशासन रोज रात में सरप्राइज चेकिंग कर रहा है पर क्या आपको नही लगता कि ये खानापूर्ति किया जा रहा है ?

क्योंकि इतने चेकिंग के बाद भी अगर अपराधी अपराध करने में सफल हो ही जा रहा है, तो ये सोचने पर मजबूर करता है। इन अपराधियों के ऊपर नॉर्मल धाराओं को लगाने से इनके हौसले और भी बुलंद होता जा रहा है है। इसी घटनाक्रम में कल गुरुवार रात को कोनी थाना क्षेत्र में एक और घटना घटित हुआ है।
बता दें कि पुरानी रंजिश को लेकर कुंदुदंड निवासी आयुष काले और अंकित वाघर व उनके साथी रतनपुर रोड स्थित ग्लोरी फैमिली ढाबा संचालक पे हमला करने के मौके की ताक में था। दो दिन पहले कार से ढाबा रेकी करने भी आए थे।

 ढाबा संचालक कुदुदंड निवासी लवी भोसले (उम्र लगभग 30 वर्ष) के कहे अनुसार कल गुरुवार रात करीब 11 बजे आयुष काले और अंकित वाघर के द्वारा भेजे गए दो लड़के चापड़ लेकर ढाबा में घुसे। फिर काउंटर के पास खड़े ढाबा संचालक लवी भोसले से रोटी पार्शल करने को कहा ऑर्डर देने के बाद मौके के तलाश में खड़े एक लड़के ने उसके ऊपर चापड़ से हमला कर दिया। लवी जान बचाने के लिए झुका तो चापड़ सिर आंख के ऊपर कान और माथे के बीच जा घुसा।

 हमला कर दोनो लड़के वहाँ से भाग निकले। हमले में ढाबा संचालन को गंभीर चोट आई है। इलाज के लिए उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहाँ वो आई सी यू में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बताया जा रहा है। हमला देख ऐसा प्रतीत होता है कि उनका इरादा सिर्फ चोट पहुँचना नही था बल्कि कुछ और ही इरादे से वो वहाँ आये थे। इस प्रकार के लगातार अपराध पर पुलिस प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है तभी जा के अपराध ग्राफ को कम किया जा सकता है।

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