30 साल बाद चुनाव हारे डॉ. नरोत्तम मिश्रा

ग्वालियर

2023 के विधानसभा चुनाव के जो परिणाम आए उससे पूरा देश आश्चर्यचकित हो गया है। प्रचंड बहुमत हासिल कर भाजपा ने जितना चौंकाया है, उतना ही दतिया से गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की हार ने चौंकाया है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा पिछले 30 सालों से चुनाव जीतते आ रहे थे। इस बार उनके विजयी रथ को ब्रेक लग गया।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में आज अपने समर्थकों के साथ चिर-परिचित अंदाज में कहा कि मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं, उन्होंने कहा कि सरकार आपकी, ललकार आपकी और दरकार भी आपकी। उन्होंने कहा कि किसी किंचित भ्रम में मत आ जाना, समुद्र का पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं लौट के आऊंगा। ये वादा है। आप भी जानते हो मैं ज्यादा देर शांत रहने वाला जीव नहीं हूं, लेकिन उनको अवसर देना चाहिए? मेरा कार्यकर्ता मेरे प्राणों से प्यारा तब भी था अब भी है। तब आपको लगता होगा कि मैं चुनाव के कारण कह रहा हूं। मित्रों सच में कार्यकर्ताओं में मेरे प्राण बसते हैं, मैं जीतूं या हारूं। यह तय मानकर चलना।

सरकार के संकटमोचक की भूमिका में रहे नरोत्तम
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने हमेशा सरकार के संकटमोचक की भूमिका निभाई है। सदन के अंदर हो, सड़क पर हो, वे हमेशा विपक्ष पर करारा हमला करते रहे और विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेरते रहे हैं। उनकी बेबाकी और हाजिरजवाबी से विपक्ष के हौसले पस्त होते आए हैं। सरकार के प्रवक्ता के रूप में हर विषय पर गंभीरता से सरकार का पक्ष रखा और विपक्ष को करारा जवाब भी दिया। सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हो, या फिर विपक्ष के आरोप, वे हमेशा मुखर रहे।

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