जॉर्जिया मेलोनी ने ली पीएम मोदी के साथ सेल्फी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो
नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 शिखर सम्मेलन से वापस भारत लौट आए हैं। उन्होंने अपने दौरे को उपयोगी बताया है और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए इटली की जनता और सरकार का आभार भी जताया है। पीएम मोदी के इटली दौरे के पहले से ही सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा उत्सुकता इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से उनकी मुलाकात को लेकर थी। दोनों नेताओं की मुलाकात भी बेहद शानदार रही और दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन हाथ जोड़कर किया था।
दोनों नेता सहज अंदाज में मिले
अब जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और जॉर्जिया मेलोनी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें जॉर्जिया मेलोनी पीएम मोदी के साथ सेल्फी ले रही हैं। दोनों ही वर्ल्ड लीडर एक दूसरे के साथ सहजता के साथ खड़े हैं और मुस्कुरा रहे हैं। पहली नजर में यह तस्वीर किसी कमरे के बाहर की प्रतीत हो रही है। क्योंकि तस्वीर के पीछे एक दरवाजा है और वहां एक-दो लोग मौजूद भी हैं। इस तस्वीर में जॉर्जिया मिलोनी और पीएम मोदी का अंदाज देखने लायक है। दोनों ही नेता पूरी सहजता के साथ एक दूसरे से मिले।
हाथ जोड़कर किया अभिवादन
तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इटली के अपुलिया में जाॉर्जिया मेलोनी से उनकी मुलाकात बेहद खास रही। पीएम मोदी ने इस बार भारत की सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार जॉर्जिया मेलोनी को हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इसके बाद इटली की पीएम ने भी उसी अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया।
लोकसभा चुनाव का किया जिक्र
बता दें कि जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सेशन के दौरान पीएम मोदी ने देश में हाल में हुए लोकसभा चुनाव और उसकी निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया की तारीफ में कसीदे पढ़े। पीएम मोदी ने देश की चुनावी प्रक्रिया को पूरे लोकतांत्रिक विश्व के लिए बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि भारत का चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। जी सेवन समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि G7 संग उनके देश का संवाद और सहयोग जारी रहेगा।
टेक्नोलॉजी और AI पर दिया जोर
पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए ।पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर ऑल का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है।