युवा पीढ़ी को बचाने सरकार हुई सख्त
भोपाल
प्रदेश में अब भोजनालय और जलपानगृह के साथ हुक्का बार का संचालन नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने वालों को तीन साल की कैद और एक लाख रुपए तक जुर्माने की सजा से दंडित किया जाएगा।
वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन मध्यप्रदेश संशोधन अधिनियम में संशोधन किया है। राज्य सरकार ने इसे स्वीकृति के लिए राष्टÑपति के पास भेजा था। अनुमति मिलने के बाद अब इस संशोधन अधिनियम को मध्यप्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस संशोधन के तहत प्रदेश में सभी आवासीय होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय और राज्य सरकार द्वारा मनोरंजन, आमोद-प्रमोद के लिए घोषित स्थानों पर कोई भी व्यक्ति या तो स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से किसी स्थान पर भोजनालय और जलपानगृह के साथ हुक्काबार न खोलेगा न ही उसका संचालन करेगा।
ऐसा करने वालों के विरुद्ध पुलिस सख्ती से कार्यवाही करेगी। उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी ऐसे हुक्काबार के संचालन के लिए उपयोग की जा रही सभी सामग्री जब्त कर सकेगें। ऐसे हुक्काबार का संचालन करने वालों को एक वर्ष से तीन वर्ष तक के कारावास और न्यूनतम पचास हजार से एक लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकेगा। यह अपराध जमानतीय होगा।
यह होगा फायदा
प्रदेश में सार्वज्निक स्थलों पर लोग हुक्काबार के साथ चाय-नाश्ते की दुकाने, रेस्टोरेंट भी खोल लेते है। इसके चलते यहां चाय-नाश्ता और भोजनालय में आने वाली युवा पीढ़ी साथ ही हुक्काबार चलते देखकर उसके उपयोग के लिए भी प्रेरित होते है। इस संशोधन के जरिए ऐसे हुक्काबारों पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा जो भोजन और जलपानगृहों का सम्मिलित उपयोग करते हुए संचालित किए जा रहे है या भोजनालय और जलपानगृह संचालक से अनुबंध कर साथ ही हुक्काबार संचालित करते है।