ठेके पर चलती शासकीय प्राथमिक पाठशाला, विभाग की मोन स्वीकृति के चलते सालों से नहीं आए शिक्षक पढ़ाने

 टीकमगढ़
मध्य प्रदेश का टीकमगढ़ जिला  इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहा है अधिकारियों की साठ गाठ के चलते शिक्षा के अभाव में बच्चों का भविष्य ही चौपट हो रहा है  जहां एक ओर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबके विकास के लिए प्रतिबद्ध नजर आते हैं  वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव प्रदेश को विकास की गति देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन शिक्षा के बिना कोई भी प्रदेश विकास नहीं कर सकता है प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरने का कारण ही ऐसे शिक्षक हैं जो सरकार द्वारा मोटी सैलरी तो लेते हैं मगर स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाना उन्हें गवारा नहीं है जी हां हम बात कर रहे हैं लिधौरा संकुल के कछियाना खिरक मरगुवा  शासकीय प्राथमिक बिद्यालय की जहां पर शासन द्वारा दो शिक्षक नियुक्त हैं मगर अरविंद दांगी नाम के एक शिक्षक ऐसे भी हैं जो आज से नहीं बल्कि कई सालों से विद्यालय ही नहीं आए हैं और उनकी सैलरी तैयार होकर उनके अकाउंट में चली जाती है यह इतने दबंग शिक्षक हैं कि यदि ग्रामीण गार्जियन विद्यालय में आने के लिए फोन लगाते हैं तो बह ग्रामीणों को धमकी तक दे डालते हैं आप विद्यालय की हालत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दो-दो टीचर होने के बावजूद भी विद्यालय में महीनों प्राइवेट टीचर से बच्चों को पढ़ाया गया मामला मीडिया के संज्ञान में आते ही लिधौरा संकुल प्राचार्य ने ऑडी पर एक टीचर की आनन फानन में नियुक्ति कर दी इस प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे पढ़ते हैं जिनको पानी भी पीने के लिए नसीब नहीं होता है बात यहीं पर समाप्त नहीं होती है बच्चों को बाथरूम के लिए खेतों में जाना पड़ता है यहां पर जो बाथरूम बने हुए हैं उनकी महीना से कोई सफाई नहीं हुई है और जर्जर हालत में हैं

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