ग्रीस के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को किए एक कॉल पर दी जानकारी, भारत में दो नए दूतावास खोलेगा

नई दिल्ली
ग्रीस भारत में दो नए दूतावास खोलेगा। यह जानकारी ग्रीस के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को किए एक कॉल पर दी। नए वाणिज्य दूतावास मुंबई और बेंगलुरु में खोले जाएंगे। इसका उद्देश्य भारत के साथ राजनयिक उपस्थिति और जुड़ाव को बढ़ाना है।
ग्रीक प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस निर्णय के बारे में बताया। वर्तमान में, ग्रीस के भारत में तीन राजनयिक कार्यालय हैं, जिनमें नई दिल्ली में दूतावास तथा चेन्नई और कोलकाता में वाणिज्य दूतावास शामिल हैं।

ग्रीस सरकार का यह कदम भारत-ग्रीस संबंधों को बढ़ाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की एथेंस की आधिकारिक यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी ढांचे को अपनाने को लेकर विशेष बातचीत की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ग्रीस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए आपसी प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा व्यापार, रक्षा, शिपिंग और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया है।

उन्होंने हाल के उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और द्विपक्षीय संबंधों में आई तेजी की समीक्षा की, तथा समुद्री संपर्क बढ़ाने के लिए निवेश के अवसरों और पहलों पर भी जोर दिया। ग्रीक प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने जून में प्रधानमंत्री मोदी के तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी तथा भारत-ग्रीस संबंधों के भविष्य के प्रति आशा व्यक्त की।

इसके बाद पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर इस बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए बताया, "कल पीएम किरियाकोस मित्सोताकिस के साथ एक उपयोगी बातचीत हुई, जिसमें भारत-ग्रीस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता जताई गई। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य व्यापार, रक्षा, शिपिंग और कनेक्टिविटी में अपने सहयोग को गहरा करना है। ग्रीस यूरोपीय संघ के भीतर भी भारत के लिए एक मूल्यवान भागीदार है।"

साथ ही पीएमओ के बयान में यह भी कहा गया कि दोनों नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की प्रगति की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य रणनीतिक आर्थिक गलियारों के माध्यम से संपर्क बढ़ाना है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें पश्चिम एशिया के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button