ग्वालियर :मंदिर की 100 करोड़ की जमीन पर प्लाटिंग! प्रशासन ने चलवा दिया बुलडोजर

ग्वालियर

ग्वालियर शहर के मध्य स्थित तारागंज कोटा लश्कर में श्री रामजानकी मंदिर ट्रस्ट की लगभग पौने नौ बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। इस जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। जमीन पर बनी बाउंड्रीवॉल और अन्य अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। 18 नवंबर को कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस जमीन का निरीक्षण किया था। उन्होंने ट्रस्ट की जमीन पर पाई गई बाउंड्रीवॉल के मामले में प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।

एसडीएम लश्कर, नरेंद्र बाबू यादव के नेतृत्व में श्री रामजानकी मंदिर ट्रस्ट की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर मनोहरलाल भल्ला ने अवैध रूप से बाउंड्रीवॉल बना ली थी और प्लॉट बेचने की तैयारी कर रहा था। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर न केवल इस बेशकीमती सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया, बल्कि लोगों को प्लॉट की जालसाजी में फंसने से भी बचा लिया।

भू-माफियाओं ने मंदिर की इस जमीन पर बाउंड्री वॉल खड़ी कर दी थी. इसी के साथ बड़े गेट लगाकर अपने कब्जे में ले लिया था. प्रशासन को जानकारी मिली थी कि माफिया इस जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने की तैयार कर रहे हैं. जानकारी मिलते ही प्रशासन ने मामले की जांच की. इसके बाद ग्वालियर कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.

इसको लेकर एसडीएम नरेंद्र यादव के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर बुलडोजर से बाउंड्री वॉल और गेट को ध्वस्त कर दिया. जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पूरी भूमि को माफिया के कब्जे से मुक्त कराया. आरोप है कि भू-माफिया ने यहां कॉलोनी बसाने की तैयारी कर रखी थी.

इस कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम मौजूद थी. कार्रवाई के दौरान जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ ही भू-माफिया के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है. प्रशासन ने इस भूमि को फिर से मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पूरे मामले को लेकर क्या बोले एडीएम?

एसडीएम नरेंद्र यादव ने कहा कि 'तारागंज में राम जानकी मंदिर की 9 बीघा जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया था. यहां कॉलोनी काटने की योजना बनाई जा रही थी. कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया गया है.'

प्रशासन द्वारा मुक्त कराई गई यह जमीन 100 करोड़ रुपये की बताई जा रही है. जिला प्रशासन का यह भू-माफियाओं के खिलाफ बड़ा एक्शन है. सरकारी संपत्तियों पर कब्जे को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है.

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