कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सैलजा की नियुक्ति रोकने को सक्रिय हुड्डा खेमा, आठ को नाम घोषित होने की संभावना

चंडीगढ़
विधानसभा चुनाव के बाद से हरियाणा कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। विधायक दल के नेता के लिए लॉबिंग चल रही है तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी नई नियुक्ति की संभावना जोर पकड़ रही है। कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा को पार्टी हाईकमान द्वारा एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने की उम्मीद है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सैलजा की नियुक्ति को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। हरियाणा विधानसभा में इस बार कांग्रेस के 37 विधायक चुनकर आए हैं, जिनमें से 33 विधायक हुड्डा समर्थक हैं। चार विधायकों को कुमारी सैलजा समर्थक माना जाता है।

इन चार विधायकों के बूते पर हालांकि सैलजा गुट को ना तो विधायक दल के नेता का पद मिल सकता है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनकी दावेदारी बनती है, लेकिन विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सैलजा ने नाराज होकर बड़ा खेल किया, उससे कांग्रेस हाईकमान सकते में हैं।

खींचतान से पार्टी के हाथ से छूट गई सत्ता
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के चाहे कितने भी कारण रहे हों, लेकिन हुड्डा व सैलजा की खींचतान की वजह से पार्टी के हाथ से सत्ता छूट गई है। रणनीतिकारों को पूरी उम्मीद थी कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी, लेकिन पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं की आपसी खींचतान ने कांग्रेस को पांच साल पीछे धकेल दिया है। थिंक टैंक का मानना है कि यदि हुड्डा और सैलजा मिलकर चुनाव लड़ते तो राज्य में कांग्रेस की सरकार बनना तय था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हुड्डा खेमा अपने स्वयं के बूते पर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी हुई मानकर चल रहा था, जबकि सैलजा गुट को अपनी नाराजगी के माध्यम से ताकत दिखाने का मौका मिल गया, जिसका पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है।

दोबारा जिम्मेदारी दे सकती है पार्टी
कांग्रेस के इन नेताओं में अब भविष्य में तालमेल बना रहे और पार्टी में सिर्फ हुड्डा का एकाधिकार ना रहे, इसके लिए हुड्डा के स्थान पर किसी दूसरे को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने की चर्चा चल रही है। दूसरा पहलू यह भी है कि हुड्डा के बिना कांग्रेस की राजनीतिक प्रगति संभव नहीं है, लेकिन इसके बावजूद हाईकमान किसी दूसरे को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने की संभावनाएं तलाश रहा है। कुमारी सैलजा चूंकि पहले भी हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं तो ऐसे में उन्हें पार्टी दोबारा जिम्मेदारी दे सकती है, जिसका अंदर ही अंदर हुड्डा खेमा विरोध कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button