शिवम दुबे की नाबाद 60 रनों की अर्धशतकीय पारी की बदौलत भारत ने जीता मैच, कहा- मैंने महेन्द्र सिंह धोनी से सीखा मैच फिनिश करने का तरीका
नई दिल्ली
पहले टी-20 मुकाबले में भारत की जीत के हीरो रहे ऑलराउंडर शिवम दुबे ने कहा कि मैंने महेन्द्र सिंह धोनी (माही भाई) से मैच को खत्म करने के बारे में सीखा है। शिवम दुबे की नाबाद 60 रनों की अर्धशतकीय पारी की बदौलत भारत ने तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला के पहले मुकाबले में गुरुवार को अफगानस्तिान को छह विकेट से हराया। शिवम दुबे ने पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 40 गेंदों में नाबाद 60 रन ठोकते हुए भारत को 17.3 ओवर में जीत दिला दी।
प्लेयर ऑफ द मैच शिवम दुबे ने कहा, ''मैं लंबे समय से मौके का इंतजार कर रहा था। मैं स्वयं को तैयार रख रहा था, जिससे जब भी मौका मिले तो मैं अच्छा करूं। जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो वही किया जो मैंने माही भाई (एमएस धोनी) से मैच को खत्म करने के बारे में सीखा था।''
बल्लेबाजी में बदलाव के बारे में दुबे ने कहा, ''मैं माही भाई से लगातार बात करता हूं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। वह मुझे बताते हैं कि कैसे अलग-अलग परस्थितियों का सामना करना है। उन्होंने मुझे दो से तीन सुझाव दिए हैं और मेरी बल्लेबाजी को रेट किया है। तो मुझे लगता है कि अगर वे मेरी बल्लेबाजी को रेट कर रहे हैं तो मैं लगातार अच्छा करूंगा। मेरा आत्मविश्वास इस वजह से बहुत बढ़ा है। मैं अपनी गेंदबाजी पर भी लंबे समय से काम कर रहा हूं। यह बदलाव एकदम से नहीं आया हैं। मैं मौके का इंतजार कर रहा था और आज मुझे मौका मिला तो मैंने अच्छा किया।''
उन्होंने कहा, ''रोहित भाई ने मुझे मैच के हिसाब से बल्लेबाजी करने को कहा और मुझ पर वश्िवास जताया कि मैं मैच को किसी भी स्थिति में जिता सकता हूं। मोहाली में बहुत ठंड थी तो जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो बल्ला भी नहीं पकड़ा जा रहा था लेकिन दो तीन गेंद खेलने के बाद मैं पूरी तरह से रम गया।'' ऑफ सीजन में भी मैंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया और इससे मुझे मदद मिली। इसके बाद मैंने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी गेंदबाजी में काफी सुधार किया। मैंने आज सही जगह पर गेंदबाजी की और मुझे अच्छी गति भी मिली।''
उन्होंने कहा कि रोहित भाई ने मुझसे कहा था कि मैच की स्थिति को देखते हुए वह मुझे गेंद देंगे। मौका मिलने पर मुझे अच्छा लगा। आगामी टी-20 विश्व कप के बारे में उन्होंने कहा, ''विश्वकप खेलना और जीत में योगदान देना हर क्रिकेटर का सपना होता है। तो यह हमेशा मेरे दिमाग में चलता रहता है, लेकिन अभी इसमें बहुत समय बचा है तो मैं एक-एक कदम आगे बढ़ूंगा।''