मिसाइलों से लैस भारतीय युद्धपोत हूतियों के गढ़ में घुसे
तेलअवीव
इजरायल और हमास के बीच गाजा में चल रहा युद्ध अब लाल सागर की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। यमन के ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों के लाल सागर में लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया है। हूतियों ने कई जहाजों को निशाना बनाया है जिससे उनमें आग तक लग गई है। हूती हमलों को विफल करने के लिए अमेरिकी नौसेना को बार-बार कार्रवाई करनी पड़ रही है। इस दुनिया के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक लाल सागर में भारतीय जहाजों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत ने भी अपने मिसाइलों से लैस दो युद्धपोतों को तैनात कर दिया है। वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने लाल सागर के व्यापारिक जहाजों के लिए मैरिटाइम सिक्यॉरिटी फोर्स के विस्तार का ऐलान किया है। इस बीच हूतियों ने भी इजरायली जहाजों पर हमले जारी रखने का ऐलान किया है।
ईरान समर्थक हूती विद्रोही दावा तो इजरायली जहाजों पर मिसाइल हमले करने का कर रहे हैं लेकिन उसकी चपेट में दुनिया के अन्य जहाज भी आ रहे हैं। यही नहीं उन्होंने पिछले दिनों भारत आ रहे एक जापानी जहाज का अपहरण कर लिया था। भारतीय व्यापारिक जहाजों पर हमले के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब दो डेस्ट्रायर को भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में तैनात किया है। भारत उत्तरी अरब सागर में इन युद्धपोतों के जरिए सुरक्षा मुहैया कराएगा। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना ने डेस्ट्रायर आईएनएस कोचि और रेडॉर की पकड़ में नहीं आने वाले आईएनएस कोलकाता को अदन की खाड़ी में तैनात किया है।
लाल सागर में सुरक्षा देंगे भारतीय युद्धपोत
भारतीय नौसेना के ये दोनों ही डेस्ट्रायर किलर मिसाइलों से लैस हैं जो पलक झपकते ही किसी भी दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखते हैं। आईएनएस कोचि पहले से ही लाल सागर के मुंहाने पर सोमालिया के समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है। भारत सरकार की ओर से अभी इस तैनाती पर कोई बयान नहीं आया है। अमेरिकी धमकी से बेअसर हूती विद्रोहियों ने ऐलान किया है कि जब तक गाजा में इजरायल हमले नहीं रोकता है, वे लाल सागर में हमले करते रहेंगे।
हूती विद्रोही अलकायदा, इस्लामिक स्टेट और कई अन्य आतंकी गुटों की मदद से यमन की सरकार के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं। हूतियों को ईरान से हथियारों की मदद मिलती है। हूती विद्रोही ईरानी मिसाइलों के बल पर लाल सागर में डर का माहौल पैदा किए हुए हैं। इससे तेल के व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इस इलाके से दुनिया का 10 फीसदी तेल जाता है। ये हूती विद्रोही लाल सागर से सटे दक्षिणी यमन के बाब अल मंदाब में मौजूद हैं और व्यापारिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। इस पूरे संकट में सोमालिया के समुद्री लुटेरे और संकट को बढ़ा रहे हैं।
अमेरिका ने हूतियों के खिलाफ बनाया गठबंधन
समुद्री लुटेरे व्यापारिक जहाजों का अपहरण करके उन्हें सोमालिया ले जा रहे हैं। एक तरफ जहां चीन दक्षिण चीन सागर में संकट बढ़ा चुका है, वहीं ईरान ने खाड़ी में तनाव को बढ़ा दिया है। इससे समुद्री व्यापार के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसी वजह से अमेरिका अब मैरिटाइम फोर्स की मदद से सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है। इस गठबंधन में ब्रिटेन, बहरीन, फ्रांस, नार्वे और अन्य देशों की नौसेनाएं शामिल हैं।