भारत के कुल व्यापार में 2023 में 2.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान

भारत के कुल व्यापार में 2023 में 2.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान

नई दिल्ली
 इलेक्ट्रॉनिक सामान (विशेष रूप से स्मार्टफोन) और सेवा क्षेत्र के मजबूत निर्यात प्रदर्शन से भारत को इस साल अपने कुल व्यापार की वृद्धि दर में गिरावट को थामने में मदद मिलेगी।

इस साल देश के व्यापार में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात और आयात 2022 के 1,651.9 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2023 में 2.6 प्रतिशत घटकर 1,609 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।

इसमें कहा गया है कि भारत के वस्तुओं के निर्यात में गिरावट वैश्विक स्तर पर पांच प्रतिशत की गिरावट के अनुमान (अंकटाड के वैश्विक व्यापार पर अनुमान) के अनुरूप है। इसके अलावा यह जनवरी-नवंबर, 2023 के दौरान चीन के व्यापारिक निर्यात में आई 5.2 प्रतिशत की गिरावट के अनुरूप है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि 2023 में मात्रा के लिहाज वैश्विक स्तर पर वस्तुओं का व्यापार मात्र 0.8 प्रतिशत बढ़ेगा।

वर्ष, 2023 में, जिन क्षेत्रों के वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है, उनमें विमान ईंधन (एटीएफ), मोटर गैसोलीन, स्मार्टफोन, बासमती चावल, मध्यम आकार की कार, टर्बो-जेट और वाहन कलपुर्जे शामिल हैं।

चालू कैलेंडर साल के दौरान स्मार्टफोन निर्यात लगभग 93 प्रतिशत बढ़कर 14 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि 2022 में यह 7.2 अरब डॉलर था।

इस तरह 2023 में स्मार्टफोन भारत के लिए एक बड़ी सफलता की कहानी के रूप में उभरेगा। यह महत्वपूर्ण वृद्धि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात की कुल वृद्धि में योगदान देगी, जो 26.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26.8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 81 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों मसलन

कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य हार्डवेयर का आयात इस साल 10 प्रतिशत से अधिक घट सकता है।

जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के व्यापार में कुल गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक मांग है। ''भारत श्रम गहन क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को धीरे-धीरे गंवा रहा है।''

जुलाई, 2022 से जून, 2023 के दौरान स्नातकों के बीच बेरोजगारी दर घटकर 13.4 प्रतिशत पर : सर्वे

नई दिल्ली
 देश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर 2022-23 में घटकर 13.4 प्रतिशत रह गई है, जो इससे पिछले साल में 14.9 प्रतिशत थी। एक सरकारी सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के ताजा आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के स्नातकों के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर (5.6 प्रतिशत) चंडीगढ़ में रही। इसके बाद 5.7 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान रहा।

आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में सबसे ऊंची बेरोजगारी दर (33 प्रतिशत) अंडमान और निकोबार द्वीप में रही। इसके बाद लद्दाख में यह दर 26.5 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 24 प्रतिशत रही।

बड़े राज्यों की बात करें, तो राजस्थान में बेरोजगारी दर 23.1 प्रतिशत और ओडिशा में 21.9 प्रतिशत थी।

बेरोजगारी या बेरोजगारी दर को श्रमबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

लगातार श्रमबल के आंकड़ों पर निगाह रखने के लिए एनएसएसओ ने अप्रैल, 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) शुरू किया था। यहां संदर्भ की अवधि जुलाई, 2022 से जून, 2023 तक है।

इससे पहले जुलाई 2017-जून 2018, जुलाई 2018-जून 2019, जुलाई 2019-जून 2020, जुलाई 2020-जून 2021 और जुलाई 2021-जून 2022 के दौरान पीएलएफएस में एकत्र आंकड़ों के आधार पर पांच वार्षिक रिपोर्टें जारी की गई हैं।

अब एनएसएसओ ने जुलाई, 2022-जून, 2023 के दौरान किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आधार पर छठी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है।

दिसंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में सुधार, दिवाली में आई थी बड़ी गिरावट

नई दिल्ली
 देश में डीजल की खपत में दिसंबर के पहले पखवाड़े में कुछ सुधार आया है। दिवाली के दौरान देश में कुछ ट्रक चालकों के छुट्टी पर जाने की वजह से नवंबर में डीजल की मांग में भारी गिरावट आई थी।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग सुधरी है। हालांकि, यह अब भी एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कम है।

देश में डीजल की खपत एक से 15 दिसंबर, 2023 के दौरान 31.5 लाख टन रही। नवंबर के पहले पखवाड़े के 31.3 टन की की तुलना में यह 0.7 प्रतिशत अधिक है। एक-15 दिसंबर, 2022 में डीजल की खपत 34.3 लाख टन रही थी। यानी एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में डीजल की खपत 8.1 प्रतिशत घटी है।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि नवंबर में बिक्री में गिरावट मुख्य वजह यह थी कि कुछ ट्रक चालक दिवाली पर छुट्टी लेकर अपने घर चले गए थे।

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है। देश के परिवहन क्षेत्र में कुल ईंधन खपत में डीजल की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की देश की कुल डीजल बिक्री में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ने से दिसंबर के पहले पखवाड़े में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियों की पेट्रोल की बिक्री 0.7 प्रतिशत बढ़कर 12.2 लाख टन हो गई।

 

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