उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच के आदेश दिए

नई दिल्ली
दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मामला दिल्ली में सीसीटीवी लगाने से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने में देरी के लिए एक कंपनी पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए सात करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। सत्येंद्र जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले मई 2022 में गिरफ्तार किया था।

एलजी की तरफ से जांच के आदेश दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने उनपर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि उपराज्यपाल हर हफ्ते नई जांच के आदेश देते हैं। उन्होंने कहा, हमने आज तक कभी नहीं सुना कि भारत सरकार की कोई कंपनी दिल्ली सरकार को रिश्वत देगी। उपराज्यपाल को आजादी है कि वह किसी के भी खिलाफ जांच के आदेश दे सकते हैं। वह हर हफ्ते नई जांच के आदेश देते हैं। उनका इरादा सिर्फ यह दिखाना है कि दिल्ली सरकार भ्रष्ट है।

इससे पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला उसके और दिल्ली सरकार के खिलाफ भाजपा की निरंतर साजिशों का हिस्सा है। आप ने दावा किया कि ‘‘पिछले 10 साल में आप के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित हमारे शीर्ष नेतृत्व को जेल भेज दिया गया है। यह मामला ‘आप’ को दबाने की दिशा में एक और कदम है"।

अधिकारियों के मुताबिक सत्येंद्र जैन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री थे और दिल्ली में 571 करोड़ रुपये की लागत से 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना के नोडल अधिकारी थे। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ महीने बाद फरवरी 2023 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

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