प्रधानमंत्री मोदी के पर्यावरण-संरक्षण के अभियान में मध्यप्रदेश अग्रणी रहेगा : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल एयरपोर्ट के पास विकसित हो रहा प्रदेश का सबसे बड़ा मानव निर्मित वन
मुख्यमंत्री चौहान के नियमित पौध-रोपण के 2 वर्ष पूर्ण
मुख्यमंत्री चौहान ने पुस्तिका का विमोचन किया, चित्र प्रदर्शनी देखी
मध्यप्रदेश जनसंपर्क की पुस्तिका mpinfo.org पर भी देखी जा सकेगी
मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिगण ने भी किया पौध-रोपण

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने आज राजा भोज विमानतल परिसर में प्रकृति की सेवा संकल्प के 2 वर्ष पूर्ण होने पर विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम में पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के नियमित पौध-रोपण के संकल्प और उसके क्रियान्वयन के 2 वर्ष पूर्ण होने पर यह कार्यक्रम किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्लाईमेट चेंज के खतरों को कम करने के लिए पर्यावरण-संरक्षण का अभियान संचालित कर रहे हैं। उनका मानना है कि हमें धरती को किसी भी तरह बचाना है। इसके लिए पौध-रोपण का अभियान निरंतर चलना चाहिए। भोजन की तरह ऑक्सीजन भी मनुष्य की आवश्यकता है। एक पेड़ पर न जाने कितनी जिन्दगियाँ पलती हैं। पेड़ छाँव देने के साथ ही पक्षियों का बसेरा और असंख्य कीट-पतंगों का आश्रय स्थल और जीवन का आधार हैं। प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य का ध्यान रखते हुए विभिन्न स्तर पर पर्यावरण बचाने का कार्य कर रहे हैं। उनके संकल्प के अनुरूप मध्यप्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वाह करेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांसों का प्रबंध हमें ही करना है। यह धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार हो, इसलिए हम सभी का कर्त्तव्य है पौधे लगाएं। हम पेड़ लगाते हैं तो इनसे हमें ही ऑक्सीजन मिलती है। मध्यप्रदेश को हरा-भरा रखने का संदेश दें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पौधे लगाने के अभियान में मीडिया का काफी सहयोग रहा है और इसके लिए मीडिया के बंधुओं का हम सभी आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने 2 वर्ष में प्रतिदिन किए गए पौध-रोपण की विस्तृत जानकारी दर्शाने वाली सचित्र पुस्तिका का विमोचन किया। इसकी ई-कॉपी mpinfo.org पर देखी जा सकती है।

सबसे बड़ा मानव निर्मित वन बनेगा, श्रीराम आस्था मिशन ने देखभाल लिया दायित्व

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल एयरपोर्ट के पास इस विशाल मानव निर्मित वन की देखभाल का दायित्व श्रीराम आस्था मिशन ने लिया है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा मानव निर्मित वन होगा। यहाँ कुल एक लाख 40 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। श्रीराम वन में 120 प्रजाति के पौधे रोपने की योजना है। पेड़-पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी मिशन की रहेगी।

पौध-रोपण से संबंध भी हो रहे प्रगाढ़

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पौध-रोपण अभियान से अनेक अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही परिवारों द्वारा जन्म-दिवस और विवाह वर्षगाँठ और अनेक अवसर पर पौधे लगाने के कार्य से दिन की शुरुआत की जाती है। पति-पत्नी जब मिल कर विवाह वर्षगाँठ पर पौधा लगाते हैं तो उनका प्रेम संबंध प्रगाढ़ होता है। इसी तरह बच्चों के जन्म-दिन पर पौधे लगाना सभी को प्रसन्नता देता है। बच्चों को भी छोटी उम्र से अच्छे कार्य के संस्कार प्राप्त होते हैं। वे इस भाव को समझते हैं की पेड़ लगाना मतलब धरती माता का श्रृंगार करना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि माता-पिता और परिवार के अन्य दिवंगत सदस्यों की स्मृति में पौधा लगाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।

अंकुर अभियान में लगाए पौधों का रिकार्ड रखने की व्यवस्था

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि अंकुर अभियान में 15 लाख से अधिक लोगों ने सहभागिता की है। कुल 37 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। अभियान में इन पौधों का रिकार्ड भी रखा जा रहा है। विदेश से आए अनेक लोग ने अपने लगाए पौधों की जानकारी क्यूआर कोड से प्राप्त करने की सुविधा का उपयोग किया है। वायु दूत एप्लीकेशन इस कार्य में सहयोगी बनी है। यह अभियान विराट जन-आंदोलन बन रहा है। आज विकास यात्राओं की शुरुआत के समय भी पौधे लगाने का कार्य किया गया।

मध्यप्रदेश में अभियान को दिन-प्रतिदिन मिल रही लोकप्रियता

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 19 फरवरी 2021 से नर्मदा मैया के उद्गम स्थल अमरकंटक से प्रतिदिन पौधा लगाने की उनकी शुरुआत को जन-समर्थन मिल रहा है। गत 2 वर्ष में एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब पौधा न लगाय़ा हो। कोरोना काल में भी मॉस्क और सेनेटाइजर के उपयोग के साथ एहतियात बरतते हुए अकेले ही पौधा लगाने का कार्य किया। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 12 राज्य में उन्होंने पेड़ लगाए हैं। राज्यों में पौधा लगाने के समय वहाँ के लोगों को सुखद आश्चर्य भी होता है कि प्रवास पर रह कर भी यह कार्य किया जा सकता है। प्रदेश में अनेक स्थान पर पौधा लगाने का कार्य जन-सहयोग से हुआ है। भोपाल के स्मार्ट उद्यान के अलावा इन्दौर के ग्लोबल गार्डन में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अतिथियों, जी-20 देशों की बैठक में आए प्रतिनिधियों ने भी पौधे लगाए। भोपाल में विभिन्न धर्मगुरुओं, सामाजिक संस्थाओं, मीडिया प्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, चिकित्सकों, खिलाड़ियों, सिने और नाटक जगत के प्रतिनिधियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग साथ में पौधे लगाते हैं। देश-विदेश तक यही संदेश गया है कि मध्यप्रदेश पेड़ लगवाना भी सिखाता है। नागरिकों में पर्यावरण प्रेम बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस अभियान की लोकप्रियता श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितम्बर 2022 को अफ्रीका से लाए गए चीतों को छोड़ते समय देखी है। प्रधानमंत्री ने भी वहाँ पौधा लगाया था।

ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को भी बढ़ावा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जहाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए सांसों का प्रबंध वृक्षा-रोपण से किया जा रहा है। वहीं धरती को बचाने के लिए सोलर एनर्जी के प्रयोग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जहाँ ओंकारेश्वर में पानी पर पैनल बिछा कर सौर ऊर्जा उत्पादन की पहल हुई है, वहीं रायसेन जिले के विश्व धरोहर स्थल साँची को देश की प्रथम सोलर सिटी बनाने का कार्य किया जा रहा है। आगामी 3 मई को विधिवत कार्यक्रम के माध्यम से पूरे विश्व तक सोलर सिटी का संदेश जाएगा।

सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान को निरंतर 2 वर्ष से प्रतिदिन पौधा लगाने के कार्य के लिए बधाई दी। अन्य मंत्री गण ने भी मुख्यमंत्री चौहान को बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी जन-प्रतिनिधियों और नागरिकों का पौध-रोपण अभियान में सहयोग के लिए आभार माना।

मुख्यमंत्री चौहान के साथ मंत्री गण ने भी पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान ने पौध-रोपण पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री चौहान को अनेक स्वैच्छिक संगठनों के सदस्यों ने तस्वीरें और पुस्तकें भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने एक पुराने वट वृक्ष का अवलोकन किया जो किसी अन्य स्थान से उखाड़ने के बाद यहाँ वैज्ञानिक तकनीक से स्थापित किया गया है। भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने आभार माना।

 

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