डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने उठाया वन मेले का लुफ्त
भोपाल
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के छठवें दिन रविवार को लाल परेड ग्राउंड में आयुर्वेद उत्पादों के साथ पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी सामग्री खरीदने के लिये सभी स्टॉल्स पर लोगों की भीड़ लगी रही। सीहोर के जी.आई. टेग प्राप्त लकड़ी के खिलौने और झाबुआ की प्रसिद्ध जनजाति के गुड्डे-गुड़िया बच्चों को खूब भा रहे हैं।
प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज पुष्कर सिंह ने बताया कि मेले में बाँस से निर्मित ब्रश से लेकर सोफा और कुर्सियों के प्रति लोगों का आकर्षण "वोकल फॉर लोकल'' की नई सोच को पुख्ता करता है। मेले में विभिन्न प्रकार के हर्बल उत्पादों की भी बम्पर बिक्री हो रही है। इनमें आँवला से बने खाद्य पदार्थ में आँवला कैंडी, अचार और सुपारी आगन्तुकों के बीच लोकप्रिय हुई है।
मेले में अब तक एक करोड़ 92 लाख रूपये मूल्य की वन और हर्बल उत्पादों से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। साथ ही डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने मेले का आनंद उठाया है। मेले में स्थापित ओपीडी में 8 हजार 500 आगंतुकों ने आयुर्वेद चिकित्सकों और अनुभवी वैद्यों से चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त किया। वन मण्डल छिंदवाड़ा से आई वन भोज रसोई के व्यंजन मक्का-ज्वार की रोटी, बैंगन का भर्ता और कोदो-कुटकी की खीर के साथ कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा बनाये जा रहे व्यंजन लोगों को लुभा रहे हैं।
फारेस्ट ग्रुप की संगीत की शानदार रंगारंग प्रस्तुति
रविवार की शाम को फारेस्ट मेलोडी ग्रुप की रंगारंग संगीत प्रस्तुति हुई। अपर मुख्य सचिव वन जे.एन. कंसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख आर.के. गुप्ता मौजूद रहे। ग्रुप में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और उनके परिजन द्वारा दी गई प्रस्तुति पर लोग झूम उठे।
इसके पहले सुबह के समय फैंसी ड्रेस और सोलो एक्टिंग प्रतियोगिता में 10 विद्यालयों के 40 छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। दोपहर में राजस्थानी कलाकारों ने कठपुतली की प्रस्तुति दी।
राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में सोमवार को होगा मेले का समापन
राज्यपाल मंगुभाई पटेल 26 दिसम्बर को शाम 5 बजे 7 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का समापन करेंगे। वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह अध्यक्षता करेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग विशिष्ट अतिथि होंगे।