मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सांसदगण एवं नव निर्वाचित विधायकों ने की सौजन्य भेंट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सांसदगण एवं नव निर्वाचित विधायकों ने की सौजन्य भेंट

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सांसद गण एवं नव निर्वाचित विधायकों ने विंध्य कोठी पर सौजन्य भेंट कर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। सांसद अनिल फिरोजिया, सुधीर गुप्ता, ज्ञानेश्वर पाटिल, गजेंद्र पटेल, के.पी. यादव एवं रमाकांत भार्गव सहित विधायकगण कुंवर सिंह टेकाम, उमाकांत शर्मा, श्रीमती ललिता यादव, श्रीमती अर्चना चिटनीस और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने भेंट की।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राजस्थान के मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में शामिल हुए

प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय नेताओं से भी भेंट की

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री पद के शपथ विधि समारोह में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के उपस्थित अन्य मंत्रीगण एवं राष्ट्रीय नेताओं से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के नव नियुक्त मुख्यमंत्री शर्मा को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

जयपुर में आयोजित शपथ विधि समारोह में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने उप मुख्यमंत्री द्वय सुदिया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई।

नाटक और छाऊ शैली में नृत्य नाटिका के साथ “अनुगूँज” का समापन

भोपाल

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ''कला से समृद्ध शिक्षा'' के तहत आयोजित दो दिवसीय अनुगूँज समारोह का समापन शुक्रवार 15 दिसम्बर को नाट्य प्रदर्शन के साथ हुआ। ''वर्ड क्लासिक्स'' की केन्द्रीय थीम पर सजे अनुगूँज की समापन संध्या के कार्यक्रमों का शुभारंभ वरिष्ठ नाट्य अभिनेता-निर्देशक आलोक चटर्जी तथा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव, संचालक के.के. द्विवेदी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंच पर उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि अनुगूँज का यह पॉंचवा संस्करण है।

द्वितीय दिवस 'रंगकार' के अंतर्गत सर्वप्रथम स्कूली विद्यार्थियों ने विश्व के छः देशों की प्रार्थनाओं की सांगीतिक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का आगाज़ किया, जिसका निर्देशन संगीत शिक्षक मधुर शर्मा द्वारा किया गया। इसके बाद छाऊ शैली में ''चक्रबीहु'' नृत्यक नाटिका में महाभारत के अभिमन्यु युद्ध प्रसंग को विद्यार्थियों ने मंच पर साकार किया। इस नृत्य नाटिका का निर्देशन अतंर्राष्ट्रीय बैले निदेशक दयानिधि मोहन्ता ने किया। इसके बाद मणिपुरी लोक कथा पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ''काबुई केओईबा'' की मनमोहक प्रस्तुति में 70 विद्यार्थी ठेठ मणिपुरी अंदाज की वेशभूषा और संवाद अदायगी करते नज़र आये। इस नाटक का निर्देशक राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाट्य निदेशक सौरभ अनंत थे। रंगकार की अंतिम प्रस्तु्ति में मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने रंगबिरंगी वेशभूषा में बैग पाइपर बैण्ड से विभिन्न धुनों पर दर्शकों को धिरकने के लिए मजबूर कर दिया। समारोह के अंत में क्लोजिंग म्यूजि़क पर नाचती ट्रस लाईट्स पर विद्यार्थियों ने एक-दूसरे को अगले वर्ष पुन: मिलने के वादे के साथ विदाई दी। इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित दर्शकों ने निरन्तंर तालियों के साथ बाल कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

सृजन प्रदर्शनी में दिन भर रही भीड़

अनुगूँज के ''सृजन'' भाग में माटीकला कार्यशाला, फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी कार्यशाला, एंकर कार्यशाला और चित्रकला कार्यशालाओं में अपने हुनर को तराशते विद्यार्थियों की सहज अभिव्यक्ति और उनकी कलात्मक अभिरूचियों को एक प्रदर्शनी में सजाया गया था। इस प्रदर्शनी में दिन भर विद्यार्थियों और आम जन की भीड़ रही। ''अनुगूँज'' का यह पॉंचवा आयोजन शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय, भोपाल में आयोजित किया गया, जिसमें शासकीय विद्यालयों के लगभग 700 विद्यार्थियों ने अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस वर्ष भोपाल के इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इंदौर संभाग की नृत्य प्रस्तुति भी थी, जिसमें इंदौर के लगभग 50 विद्यार्थी सहभागी थे।

उल्लेखनीय है कि, ''अनुगूँज'' स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वैश्विक शिक्षा प्रणाली STEAM (साइंस, टैक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्टस और मैथेमेटिक्स) की तर्ज पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दिशा में ''कला से समृद्ध शिक्षा'' का अभिनव आयोजन है। विभागीय संकल्पना के अनुरूप, अब अनुगूंज का आयोजन अन्य संभागों में भी किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है भारत सरकार के द्वारा परिकल्पित ''एक भारत – श्रेष्ठ भारत'' कार्यक्रम में सांस्कृतिक आदान – प्रदान के लिए मध्यप्रदेश को मणिपुर एवं नागालैंड जैसे उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ समूहबद्ध किया गया है, जिससे अंतर्राज्यीय संस्कृति, कलाओं एवं शैलियों को जानने का अवसर मिलता है। इस तारतम्य् में देखें तो अनुगूँज 2023 में इन राज्यों की सांस्कृतिक झलक भी दिखाई पड़ी है।

 

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