मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी को एनआईए-एटीएस कोर्ट ने अवैध मतांतरण का दोषी ठहराया, आज होगी सजा

 मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर के फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को लखनऊ की एनआईए-एटीएस कोर्ट ने अवैध रूप से मतांतरण का दोषी ठहराया है। इस मामले में कोर्ट आज उन्हें सजा सुनाएगी। मौलाना कलीम सिद्दीकी को देशभर में अवैध रूप से मतांतरण गिरोह संचालित करने का दोषी पाया गया। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि रहा कलीम सिद्दीकी एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर इस्लामिक विद्वान बना था। मौलाना का नेटवर्क राजनीतिक सरंक्षण के साथ बढ़ता चला गया। मौलाना को दोषी ठहराए जाने की भनक लगने पर उसके पैतृक गांव में सन्नाटा पसर गया।

मुजफ्फरनगर के थाना रतनपुरी के गांव फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को आतंकवादी निरोधक दस्ता ने 21 सितंबर-2021 की रात को दिल्ली-देहरादून हाईवे से दौराला-मटौर के बीच से गिरफ्तार किया था। इसके बाद आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की टीम ने मौलाना समेत उसके साथियों की कुंडली खंगाली थी। इसके बाद देशभर में अवैध रूप से मतांतरण गिरोह संचालित होने का राजफाश हुआ।
हिंदू समाज के सैकड़ों युवाओं का मतांतरण कराया

मौलाना कलीम ने अपने गिरोह के माध्यम से हिंदू समाज के सैकड़ों युवाओं का मतांतरण कराया है। इस मामले से जुड़े एक-एक बिंदु की एटीएस और एनआइए ने बारीकी से छानबीन की है। मंगलवार को लखनऊ स्थित एटीएस कोर्ट ने आरोपी मौलाना समेत उसके 16 साथियों को अवैध रूप से मतांतरण का दोषी ठहराया है। इसके बाद एटीएस ने मौलाना को तत्काल जुडिशल कस्‍टडी में ले लिया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी ने पिकेट इंटर कालेज से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मेरठ कालेज से विज्ञान वर्ग में बीएससी की। इसके बाद दिल्ली में एक कालेज में एमबीबीएस में प्रवेश लिया, लेकिन धार्मिक प्रवृत्ति का होने के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद इस्लामिक विद्वान बनने की राह पकड़ ली।
दूसरी पत्नी की तीसरी संतान है मौलाना

फुलत गांव निवासी मोहम्मद अमीन सिद्दीकी ने दो महिलाओं से निकाह किया। पहली पत्नी से मोहम्मद वकील, मोहम्मद जमील और जलीम पैदा हुए। बताते हैं कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी महिला जुबैदा से निकाह किया। जिससे मोहम्मद अलीम, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद कलीम व मोहम्मद हलीम का जन्म हुआ। मौलाना कलीम सिद्दीकी अपने पिता की दूसरी पत्नी की तीसरी संतान है। बड़े पैमाने पर दौलत कमाने के बाद मौलाना ने 18 साल से दिल्ली के शाहीन बाग में अपना ठिकाना बना रखा है।

करोड़ों की लागत से बना है मदरसा

मौलाना कलीम सिद्दीकी ने वर्ष 1991 में अपना जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया मदरसा बनाया। मदरसे के साथ छात्रावास, गेस्ट हाउस आदि बनाए गए हैं। करोड़ों रुपये की लागत से यह भवन बने हैं। वहीं, गांव में आइटीआई कोर्स संचालित करने के लिए स्कूल की स्थापना की, लेकिन बाद में इसे केरल की एक संस्था के हवाले कर दिया। अब यहां वर्ल्ड विजन पब्लिक स्कूल के नाम से शिक्षण संस्था संचालित हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button