राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना के साथ आगे बढ़ें : अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों और चर्चा पर जवाब दिया। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय रेल की प्रगति को रेखांकित करते हुए पंक्चुअलिटी, रोजगार, सुरक्षा, निर्यात और इंफ्रा डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रोजगार देने में भी रेलवे सबसे आगे है। उन्होंने देश की प्रगति के लिए सभी से राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।

  रेल मंत्री ने सदन में कहा कि रेलवे की पंक्चुअलिटी में बड़ा सुधार हुआ है। इस वर्ष में 68 में से 49 डिवीजन में गाड़ियों की पंक्चुअलिटी 80% से अधिक दर्ज की गई है। उससे भी गौरव की बात ये है कि 12 डिवीजन ऐसे रहे जहां पंक्चुअलिटी 95% तक पहुंच गई है। विश्व के बड़े देशों के बराबर पहुंचने की कोशिश हम कर रहे हैं। ये रेलवे की गुणवत्ता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

  रोजगार सृजन का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल ने पिछले 10 वर्षों में 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में भी 1 लाख लोगों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

  रेल मंत्री ने कहा कि अब भारतीय रेल में सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं। लंबे रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस जैसे कदमों ने रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाया है। 50,000 किलोमीटर पुराने ट्रैक को हटाकर नए ट्रैक बिछाए गए हैं, जिससे सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 34,000 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बनाए गए हैं, जो जर्मनी के पूरे रेल नेटवर्क से भी अधिक है। लोकोमोटिव उत्पादन में भी भारत ने बाजी मारी है। रेल मंत्री ने कहा कि देश में 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ जो अमेरिका और यूरोप के कुल उत्पादन से अधिक है।

  भारतीय रेल ने वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। रेल मंत्री ने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि आज भारत एक बड़ा रेलवे निर्यातक बन चुका है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच, यूके, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच तथा मैक्सिको,स्पेन,जर्मनी और इटली को ऑपरेशन इक्विपमेंट निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार में बने लोकोमोटिव का दुनिया में डंका बजेगा और तमिलनाडु में निर्मित पहिए दुनिया के दूसरे देशों की ट्रेनों में भी दौड़ते नजर आएंगे। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।   

  रेल मंत्री ने कहा कि कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। 1972 से 2014 तक 42 वर्षों में 28 किमी का काम हुआ, जबकि मोदी सरकार के 10 वर्षों में 38 किमी का काम पूरा हुआ। बुलेट ट्रेन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें देश को आगे ले जाना है। बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाए जा रहे हैं। रेल मंत्री ने नॉर्थ ईस्ट में रेलवे प्रोजेक्ट्स में अभूतपूर्व प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि सिक्किम में सेवक से रंगपो तक रेल प्रोजेक्ट पहुंच रहा है, असम में नए काम शुरू हुए हैं और त्रिपुरा में आजादी के बाद पहली बार ब्रॉड गेज लाइन शुरू हुई है। केंद्र सरकार ने हर राज्य के लिए रेलवे विकास हेतु ऐतिहासिक बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे का लक्ष्य हर कोने को रेल नेटवर्क से जोड़ना और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देना है। भारत में आज विश्व का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोग्राम (अमृत भारत स्टेशन) चलाया जा रहा है।

  अश्विनी वैष्णव ने सदन को बताया कि 2020 के बाद से भारतीय रेल ने यात्री किराया नहीं बढ़ाया है। भारत में रेल किराया दुनिया में सबसे कम है। 350 किमी की यात्रा के लिए भारत में जहां मात्र 121 रुपए का किराया देना होता है, वहीं पाकिस्तान में 436 रुपए, बांग्लादेश में 323 रुपए और श्रीलंका में 413 रुपए देना होता है। यूरोपीय देशों में भारत से करीब 20 गुना अधिक रेल किराया है। रेल मंत्री ने कार्गो परिवहन में हुई वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में भारतीय रेल 1.6 बिलियन टन कार्गो ढोकर दुनिया के टॉप 3 देशों में शामिल होगा, जिसमें चीन, अमेरिका और भारत होंगे। यह रेलवे की बढ़ती क्षमता और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

  लोकसभा में रेल मंत्री ने सभी दलों से सांसदों ने अनुरोध करते हुए कहा कि कृपया अपने क्षेत्र में स्टेशनों पर काम की गुणवत्ता पर ध्यान दें। हम गुणवत्ता से समझौता बिल्कुल नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेल देश की प्रगति का प्रतीक है और यह निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

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