रहीम राथर बने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष
श्रीनगर
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथर सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये।
कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सहकारिता एवं निर्वाचन मंत्री ने विधानसभा में राथर के नाम का प्रस्ताव पेश किया और सदन के सदस्य अर्जुन सिंह ने राथर को अध्यक्ष के चुने जाने का समर्थन किया। इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला विधानसभा सत्र मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रीनगर में शुरू हुआ।
सात बार के विधायक राथर का जन्म 1944 में चाडूरा के बांदीपोरा गांव में हुआ था और वह बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने पिछली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकारों में वित्त सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था। उन्होंने 1968 में कश्मीर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और 1971 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एल.एल.बी. किया।
गौरतलब है कि राथर ने पहली बार नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार के रूप में चरार-ए-शरीफ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से 1977 में जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव जीता। बाद में वह 1983, 1987, 1996, 2002 और 2008 में लगातार पांच बार जीते। वर्ष 2014 में राथर जम्मू- कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के गुलाम नबी लोन से हार गए। राथर ने हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में चरार-ए-शरीफ से सातवीं बार जीत हासिल की।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगमा, पीडीपी ने अनुच्छेद 370 को लेकर रखा प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद-उर-रहमान पारा की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग किये जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ।
सदन की कार्यवाही के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद सदन में बोलते हुए पारा ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने पीडीपी का प्रस्ताव अध्यक्ष को सौंपते हुए कहा, “मैं विधानसभा से अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध करता हूं।” इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सदन में खड़े हो गए और अध्यक्ष से वहीद के शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया।
अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने हालांकि भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे इसे उन पर छोड़ दें। उन्होंने कहा, “आप अध्यक्ष को शर्तें नहीं बता सकते।” इसके बाद भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने हालांकि सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन विधायक हंगामा करते रहे। इस मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “उन्हें पता था कि कुछ सदस्य प्रस्ताव पेश करेंगे, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सत्र के पहले दिन ऐसा होगा।” हंगमा देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।