राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी, अब प्रियंका वायनाड से लड़ेंगी, इस पर भाजपा हमलावर, कहा, कांग्रेस नेहरू परिवार का ‘टूल’

तिरुवनंतपुरम
राहुल गांधी ने अपनी जीती हुई दोनों सीटों में से वायनाड को छोड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी और इसके साथ ही उन्होंने उपचुनाव के लिए वायनाड से प्रियंका गांधी को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया। कांग्रेस के इस फैसले के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा की केरल ईकाई के अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन और वरिष्ठ नेता वी. मुरलीधरन ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने यह फैसला लेकर वायनाड की जनता के साथ धोखा किया है। बिना किसी संदेह के अब यह साबित हो गया है कि कांग्रेस केवल गांधी-नेहरू परिवार का निजी टूल है, जो केवल एक परिवार के फायदे के लिए काम करता है। अब हो सकता है कि कांग्रेस पलक्कण विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने दामाद राबर्ट वाड्रा को उम्मीदवार बना दे।

मीडिया से बात करते हुए मुरलीधरन ने कहा कि राहुल गांधी ने वायनाड की जनता के साथ धोखा किया है, उन्होंने रायबरेली से अपने चुनाव लड़ने के फैसले को तब तक उजागर नहीं किया जब तक वायनाड में चुनाव नहीं हो गया। यह जनता के साथ धोखा है। मैं वायनाड की जनता से अनुरोध करूंगा कि ऐसे धोखेबाजों को अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करके जवाब दें।

भाजपा के विरोध के बीच कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि विपक्ष बेमतलब की राजनीति कर रहा है। केवल वायनाड ही नहीं बल्कि पूरे केरल की जनता दिल से उनका सम्मान करती है। जहां तक दो सीटों पर लड़ने की बात है तो पीएम मोदी भी दो सीटों पर लड़ चुके हैं, इसमें कुछ भी नया नहीं है। राहुल गांधी को राजनैतिक कारणों से उत्तर की सीट रायबरेली रखनी पड़ी, तो उन्होंने अपनी बहन को यहां भेजा है। प्रियंका गांधी अपने भाई से भी ज्यादा वोटों से यहां से जीतेंगी।

 

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