रंजना बघेल बढ़ा सकती हैं बीजेपी की परेशानी, भरा निर्दलीय फार्म

भोपाल

मध्य प्रदेश की मनावर आदिवासी बहुल सीट हैं। यहां डॉक्टर बनाम इंजीनियर की लड़ाई है। वहीं बीजेपी की पूर्व मंत्री रंजना बघेल टिकट कटने से नाराज हैं। वो दोनों उम्मीदवारों को टेंशन दे सकती हैं। बीजेपी नेता और 27 साल के इंजीनियर शिवराम कन्नौज मध्य प्रदेश में धार जिले की मनावर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं। यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। शिवराम का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा से है। दूसरी तरफ पूर्व मंत्री रंजना बघेल बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकती हैं क्योंकि टिकट नहीं मिलने से उन्होंने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वहीं कन्नौज को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में बघेल उनका समर्थन करेंगी।

अलावा ने 2018 से शुरू किया राजनीतिक सफर
मनावर से कांग्रेस उम्मीदवार और आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जेएवाईएस) के राष्ट्रीय संरक्षक 41 साल के अलावा ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सहायक प्रोफेसर की नौकरी छोड़ने के बाद 2018 के विधानसभा चुनावों के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में अलावा ने बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रंजना बघेल को 39,501 वोटों से हराया था। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अगर बघेल मनावर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

पिता की मौत के बाद राजनीति में आए शिवराम
शिवराम कन्नौज ने भोपाल मैनिट से बीटेक (इलेक्ट्रिकल्स) की पढ़ाई पूरी की है। 26 वर्षीय शिवराम पहले एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पैकेज में नौकरी पर थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद राजनीति में प्रवेश करने वाले शिवराम कन्नौज 2022 में धार जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुने गए। पंचायत चुनाव में कुल 27 हजार वोट डले थे, इसमें से शिवराम को 25 हजार वोट मिले थे। अब शिवराम अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मनावर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2.43 लाख मतदाता हैं और उनमें से लगभग 60 प्रतिशत आदिवासी समुदाय से हैं।  

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