बांग्लादेश में भारतीयों के खिलाफ ‘इंकलाब’, हादी के साथियों ने 24 दिन का अल्टीमेटम दिया

ढाका
इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान हादी की मौत के मामले में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार घर में ही घिर गई है। अब मंच ने 24 दिनों में हत्या का ट्रायल पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही तीन मांग भी रखी हैं, जिनमें बांग्लादेश में रहकर काम कर रहे भारतीयों के परमिट रद्द करने के लिए कहा गया है। हालांकि, इन मांगों को लेकर अंतरिम सरकार ने प्रतिक्रिया नहीं दी है।
द डेली स्टार के अनुसार, इंकलाब मंच के सचिव अब्दुल्लाह अल जब्बार ने रविवार को ढाका के शाहबाग से यूनुस सरकार को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा, 'हत्यारे, मास्टरमाइंड, सहयोगी, भागने में मदद करने वालों और पनाह देने वालों समेत पूरे स्क्वॉड का ट्रायल अगले 24 दिनों में पूरा हो जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश की संप्रभुता को बचाने के लिए भारतीयों को जारी वर्क परमिट भी रद्द किए जाने चाहिए।' मंच की मांग है कि अगर भारत शरण पाए दोषियों को लौटाने से इनकार करता है, तो उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में केस दर्ज कराया जाए।
हत्यारों के भारत में प्रवेश के दावे खारिज
मेघालय की सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश पुलिस के उन दावों को रविवार को सिरे से खारिज कर दिया कि हादी के हत्यारे भारतीय राज्य में दाखिल हो गए हैं। मेघालय में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के प्रमुख, महानिरीक्षक (IG) ओ पी उपाध्याय ने कहा कि ये दावे निराधार और भ्रामक हैं।
उपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किसी व्यक्ति ने हलुआघाट सेक्टर से मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की हो। बीएसएफ को ऐसी किसी घटना की न तो सूचना मिली है और न ही ऐसी कोई रिपोर्ट मिली है।' मेघालय पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गारो पर्वतीय क्षेत्र में संदिग्धों की मौजूदगी के दावे की पुष्टि करने के लिए 'कोई जानकारी या खुफिया प्रमाण नहीं' है।
अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस इकाइयों को इस तरह की किसी गतिविधि की सूचना नहीं मिली है और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय जारी है।
ढाका महानगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिन में दावा किया था कि हादी हत्याकांड के दो मुख्य संदिग्ध 'स्थानीय सहयोगियों की मदद से' हलुआघाट सीमा के रास्ते मेघालय में प्रवेश कर गए हैं।





