इंदौर के चिड़ियाघर के नन्हे विदेशी परिंदों को गोद लेगी राउंड टेबल संस्था

इंदौर
एनिमल एक्सचेंज के अंतर्गत कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में एक साल पहले विदेशी परिंदों को लाया गया था। बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक को इनकी सादगी और खूबसूरती आकर्षित कर रही है। अब इनकी देखभाल के लिए एक संस्था आगे आई है। नन्हे बच्चों के वेलफेयर की दिशा में काम करने वाली संस्था इन विदेशी पक्षियों की देखभाल पर होने वाला खर्च उठाएगी। ऐसा पहली बार होने जा रहा है। संस्था की तरफ से मिले प्रस्ताव पर नगर निगम विचार कर रहा है। संस्था को अनुमति मिलने के बाद राशि चिड़ियाघर को प्राप्त होगी।

50 पक्षियों को गोद लेने का प्रस्ताव
राउंड टेबल नामक संस्था ने विदेशी पक्षियों और जानवरों को कुछ महीनों के लिए गोद लेने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया है। इन परिंदों की संख्या करीब पचास है। इनमें फिनएच, कानोट, लारी, मकाऊ सहित अन्य पक्षी शामिल हैं। चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक जिन पक्षियों को गोद लिया जा रहा है, उनकी डाइट का विशेष प्लान बनाया है और उस पर होने वाला खर्च संस्था उठाएगी। पहली बार कोई संस्था इन पक्षियों को गोद लेगी। जबकि चिड़ियाघर के बाकी जानवरों को समय-समय पर विभिन्न संस्थानों ने गोद लिया है, जिसमें शेर-बाघ, हिरण सहित अन्य वन्यप्राणी हैं।

सर्दी बढ़ने से बदली डाइट
शहर में तेज वर्षा होने के बाद तापमान नीचे आया है। ठंड बढ़ने से जानवरों के खानपान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए विदेशी पक्षियों और जानवरों के लिए नया डाइट प्लान बनाया गया है। जानवरों को दिन में एक बार गुड़ का पानी दिया जाएगा। इससे उनके शरीर में गर्माहट और एनर्जी बनी रहेगी। भोजन में विभिन्न प्रजातियों के बीजों को सरसों और तिल के तेल में भिगोकर दिया जाएगा।

मोती को एक किलो गुड़ हर दिन
चिड़ियाघर में हाथी मोती का डाइट प्लान भी बदला है। गन्ना और घास खाने वाला यह जानवर अब रोज एक किलो गुड़ खा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक गुड़ देने की पीछे वजह यह है कि इससे हाथी में एनर्जी और गर्माहट बनी रहेगी। हाथी को शाम को हल्का भोजन देना शुरू कर दिया है।

बल्ब और हीटर से देंगे गर्मी
तापमान गिरने से अचानक मौसम ठंडा हो गया है। जानवरों को ठंड से बचाने के लिए भी खास व्यवस्था की है। पक्षियों और जानवरों के पिंजरों, एनक्लोजर, बाड़ों में वुडन बाक्स, घास, कंबल, जाली बिछाई गई है। तापमान कंट्रोल करने के लिए पिंजरों में छोटे बल्ब से लेकर हेलोजन भी लगाई है। कछुए, बंदर, गोह के लिए हीटर लगाएंगे। उड़ने वाली गिलहरी, विदेशी सांप, इगुआना के पिंजरों के आसपास 100 वाट का बल्ब लगाएंगे।

अधिकारियों के मुताबिक बड़े जानवरों पर तो ठंड का इतना असर नहीं होता, लेकिन सांप व रेंगने वाले जीवों, बिल्ली या पाकेट मंकी या पक्षियों पर ठंड का असर जल्दी होता है। सांपों के बाड़े में कंबल रखे गए हैं। पक्षियों के पिंजरे के बाहर जालीनुमा कनात लगाई गई है ताकि बर्फीली हवाएं सीधे पक्षियों तक ना पहुंचे। इसके अलावा हीटर भी लगाए गए हैं। हिरण, बारहसिंघा व अन्य जानवरों के लिए अतिरिक्त घास और वुडन बाक्स रखे गए हैं।

तीन बार में लाए विदेशी जानवर
जामनगर और इंदौर चिड़ियाघर के बीच प्राणी आदान-प्रदान कार्यक्रम को लेकर अनुबंध हुआ है। बीते साल इंदौर चिड़ियाघर से छह शेर और पांच बाघ जामनगर भेजे गए थे। बदले में विदेशी पक्षी और प्राणी यहां लाए गए हैं। शुरुआत अक्टूबर-नवंबर 2022 से की गई। सालभर में तीन बार चिड़ियाघर में 85 प्रजातियों के 240 से अधिक बंदर, पक्षी, रेप्टाइल्स आए हैं। इन्हें चिड़ियाघर में बने बर्ड हाउस में रखा गया है।

अमेरिका के जंगलों में पाए जाने वाले स्कारलेट मकाऊ, ब्लू गोल्ड मकाऊ, लारी, बंगाल विच, न्यूजीलैंड का ग्रीन टूराको व अफ्रीका का कैपडोवे पक्षी दर्शकों को काफी आकर्षित करता है। उड़ने वाली गिलहरी, विदेशी सांप, इगुआना की विभिन्न प्रजाति भी शामिल हैं। ये साउथ अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, घाना, इंडोनेशिया, ब्राजील के जंगलों में पाए जाते हैं।

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