27 वर्ष बाद दिल्ली में सत्ता वापसी को टिकाऊ बनाने वाले सीएम की तलाश, दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख आ गई
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नई दिल्ली
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख आ गई है. 20 फरवरी को 4.30 बजे दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा. बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण का आयोजन दिल्ली के राम लीला मैदान में होगा.
बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में 3 मंच बनाए जाएंगे. एक बड़ा मंच 40×24 का होगा. वहीं, दो मंच 34×40 के होंगे. मंच पर लगभग 100 से 150 कुर्सियां लगाई जाएंगी. आम लोगों के बैठने के लिए करीब 30 हजार कुर्सियां लगाई जाएंगी.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिली बंपर जीत के बाद से ही यह पूछा जा रहा था कि आखिरकार दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कब होगा. पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी सहित कई लीडर लगातार यह सवाल पूछ रहे थे कि दिल्ली के सीएम के शपथ ग्रहण की तारीख और नाम का ऐलान आखिर कब किया जाएगा.
अब बीजेपी के सूत्रों से आयोजन की तारीख और समय के बारे में जानकारी सामने आ गई है. हालांकि, अब तक यह सामने नहीं आया है कि आखिर दिल्ली की कुर्सी किसे मिलेगी. सभी को दिल्ली के सीएम का नाम सामने आने का इंतजार है.
दिल्ली में बीजेपी का ऐसा चेहरा कौन, महामंथन में मुख्यमंत्री के नाम पर लगेगी मुहर
जो आप से वोटों का अंतर बढ़ा दे
दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने दोगुने से भी ज्यादा सीटें लेकर आप को पछाड़ तो दिया, लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में दोनों दलों के बीच कुछ खास अंतर नहीं रहा। बीजेपी को 47.56 प्रतिशत वोट मिले तो आप भी 45.57 प्रतिशत वोट अपने नाम करने में सफल रही। दिल्ली के सिर्फ 1.99 प्रतिशत मतदाता ही बीजेपी के मुकाबले आप को पसंद नहीं किया। यह आंकड़े अगले विधानसभा चुनावों के लिहाज से बीजेपी के लिए चिंता तो आप के लिए उम्मीद का सबब बन गए हैं। इसलिए बीजेपी चाहेगी कि मुख्यमंत्री के तौर पर एक ऐसा चेहरा सामने लाया जाए जो दिल्ली में आप को पसंद करने वालों के एक बड़े हिस्से को अगले चुनावों तक बीजेपी के पक्ष में मोड़ ले।
जाति, क्षेत्र पर होगी नजर
आखिर वो कौन सा चेहरा होगा जो दिल्ली में बीजेपी का ग्राफ इतना ऊंचा ले जाए कि आप की तरफ झांकने वाले लोगों की संख्या लगातार सिमटती चली जाए? इसके लिए न केवल व्यक्तिगत छवि, कर्मनिष्ठा, दिल्ली और पार्टी के लिए बड़ा करने का जज्बा, जनता का नब्ज पर पकड़ जैसी खासियतें होनी चाहिए। दिल्ली में जाट-गुर्जर जैसी स्थानीय आबादी के अलावा पंजाबी मतदाता और पूर्वांचली मतदाताओं की भी अच्छी-खासी जनसंख्या है। सवाल यह भी है कि क्या बीजेपी आलाकमान इस बार दिल्ली में किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर सकता है?
ईमानदार छवि, भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख
बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया। भाजपा ने केजरीवाल और उनके साथियों की कट्टर ईमानदारी वाली छवि पर कट्टर बेईमान का रंग पोत दिया। इसलिए जरूरी है कि दिल्ली में उसकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप का एक छींटा भी नहीं पड़ पाए। दूसरी तरफ, भाजपा के सीएम को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि केजरीवाल और उनकी सरकार में शामिल भ्रष्टाचार के आरोपियों को उनके किए की सजा दिलाए। इसके लिए विभिन्न मामलों की तेजी से जांच करवाने के साथ-साथ ठोस सबूतों के आधार पर अदालतों में गुनहगार ठहराने की कड़ी तैयारियां करनी होंगी।
वादों को पूरा करने की कुव्वत
बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में आप और केजरीवाल सरकार पर दिल्ली की जनता से वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। पार्टी ने यमुना नदी की सफाई, बिजली-पानी-सड़क की सुविधा में लगातार गिरावट को अपना चुनावी अभियान बनाया था जिन पर दिल्ली की जनता ने बहुत हद तक विश्वास किया। इस वजह से लोकसभा में बीजेपी का साथ देकर विधानसभा में आप की तरफ पलट जाने वाले मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा इस बार विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी के साथ ही रहा। भाजपा के अगले मुख्यमंत्री और उसकी सरकार के सामने यही चुनौती होगी कि यह हिस्सा और बड़ा हो ताकि आप के वोट में और ज्यादा सेंध लगती रहे। भाजपा चाहेगी कि दिल्ली भी उन राज्यों की सूची में आ जाए जहां की सत्ता में उसके पांव अंगद की तरह ऐसे जम गए हैं कि विपक्ष उन्हें वर्षों से उखाड़ ही नहीं पा रहा है।
दिल्ली CM की रेस में ये नाम
प्रवेश वर्मा
> दिल्ली के सीएम रेस में जो नाम हैं, उनमें प्रवेश वर्मा सबसे आगे हैं. जिन्होंने नई दिल्ली सीट पर AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया.
आशीष सूद
> दिल्ली भाजपा के महासचिव और जनकपुरी विधायक आशीष सूद के नाम की भी चर्चा है, जो केंद्रीय नेताओं के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के लिए जाने जाते हैं.
रेखा गुप्ता
> महिला चेहरा के रूप में शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है.
विजेंदर गुप्ता
> रोहिणी विधायक विजेंदर गुप्ता के नाम की भी चर्चा चल रही है, जो दिल्ली बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं.
सतीश उपाध्याय
> मालवीय नगर से विधायक सतीश उपाध्याय भी इस रेस में शामिल हैं, जो पार्टी के एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं.
जितेंद्र महाजन
> वैश्य समुदाय से आने वाले ओर आरएसएस के एक मजबूत प्रतिनिधि जितेंद्र महाजन भी मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदारों में शामिल हैं.
शिखा रॉय
> शिखा रॉय, जिन्होंने ग्रेटर कैलाश में AAP के सौरभ भारद्वाज को हराकर जीत हासिल की, कथित तौर पर एक और प्रमुख महिला चेहरा हैं जिन पर विचार चल रहा है.
सरकार गठन के लिए आज होगी मीटिंग
बता दें कि दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह और सरकार के गठन को लेकर आज शाम मीटिंग होनी है. इस मीटिंग में विधायक दल की बैठक को लेकर समय और तारीख तय की जाएगी. बैठक में शपथग्रहण समारोह के इंचार्ज विनोद तावड़े और तरूण चुघ भी मौजूद रहेंगे. दिल्ली बीजेपी चीफ वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली बीजेपी संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
पीएम सहित बड़े नेताओं की होगी बैठक
सूत्रों के मुताबिक 15 विधायकों को प्रमुख मंत्री पदों के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया है कि नई सरकार में उपमुख्यमंत्री होने की संभावना नहीं है. पार्टी सूत्रों ने पहले बताया कि मामले को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं के बीच एक बैठक होने की भी संभावना है.
बीजेपी ने चुनाव में जीती 70 में से 48 सीटें
बता दें कि हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर AAP को सत्ता से बेदखल किया. 10 साल से अधिक समय तक दिल्ली पर शासन करने वाली AAP, 8 फरवरी को घोषित हुए कड़े मुकाबले वाले चुनाव में केवल 22 सीटें जीत पाई. वहीं, भाजपा 1993 के बाद पहली बार दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है.