डिफॉल्टर (चुककर्ता) संस्थानों के खिलाफ चलाया जाएगा विशेष अभियान

रायपुर

डिफॉल्टर (चुककर्ता) संस्थानों से बकाया भविष्य निधि अंशदान, क्षतिपूर्ति और ब्याज की वसूली किए जाने के संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर द्वारा विशेष वसूली अभियान चलाया जा रहा है। दिसंबर माह से इस अभियान में तेजी लाई जाएगी। यह अभियान 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य शत-प्रतिशत बकाया राशि की वसूली सुनिश्रित किया जाना है।

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ।, अभिषेक कुमार ने बताया कि बकाया राशि को वसूलने के लिए डिफॉल्टर (चुककर्ता) संस्थानों के विरूद्ध कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के अंतर्गत बैंक खाते की जब्ती, चल तथा अचल संपत्ति को जब्त करना, जब्त संपत्ती की नीलामी, डिफॉल्टर (चुककर्ता) की गिरफ्तारी एवं कारावास की कार्रवाही की जाएगी। इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 406/409 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने के साथ कर्मचारी भविष्यनिधि अधिनियम, 1952 की धारा 14 के अंतर्गत डिफाल्टर (चुककर्ता) नियोक्ताओं / संस्थानों पर अभियोजन संबंधी कार्रवाही भी की जाएगी।

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ।। एवं वसूली अधिकारी, जय शंकर राय के अनुसार कार्यालय द्वारा करंट डिमांड, तथा एरियर्स डिमांड बकाया का शत-प्रतिशत वसूली किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डिफाल्टर्स (चुककर्ता) से वसूली के लक्ष्य को मार्च 2024 तक प्राप्त करने के उद्देश्य से अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष टीमें बनाई गई है। यह टीमें कर्मचारी भविष्यनिधि एवं विविध प्रकोर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत डिफाल्टर (चुककर्ता) संस्थानों से बकाया राशि को वसूली सुनिश्चित करेगी।

ज्ञातव्य है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ऐसी डिफाल्टर (चुककर्ता) कंपनियों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाही करने के निर्देश सभी कार्यालयों को दिए है। श्रम मंत्रालय की ओर से यह बताया गया है कि जो दो माह से डिफॉल्ट किए हैं, उनसे 5 प्रतिशत की दर से ब्याज की वसूली की जाएगी। इसके अतिरिक्त ज्यादा समय से डिफाल्टर कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग समय के अनुसार ब्याज की वसूली की जाएगी।

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