श्रीमद् भगवद गीता को आचरण और व्यवहार में धारण कर सन्मार्ग पर चलते हुए प्राप्त की जा सकती है सफलता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण का मध्यप्रदेश की धरती उज्जैन पधार कर आचार्य सांदीपनि जी से शिक्षा प्राप्त करना सनातन संस्कृति की अद्वितीय घटना है। महाभारत जैसे भीषण युद्ध के बीच शास्त्र सम्मत मार्ग दिखाते हुए कर्मवाद की शिक्षा देने का उनका प्रयास और विश्व को श्रीमद् भगवद गीता की देन अद्वितीय है। शास्त्र के रूप में स्थापित भगवद गीता विद्वतजन, ऋषि मुनि से लेकर जन-सामान्य तक के मन में जिज्ञासा भी उत्पन्न करती है और समाधान भी प्रदान करती है। गीता को आचरण और व्यवहार में धारण कर मानव, अपने जीवन को कर्मवाद से जोड़कर सद्मार्ग का अनुसरण करते हुए सफलताएं प्राप्त कर सकता है। इस वर्ष गीता जयंती पर इस्कॉन के साथ मिलकर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भगवद गीता पर केंद्रित प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया गया है। गीता के श्लोकों का वाचन, अध्ययन-मनन और भगवद गीता में लोगों की रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से यह अकादमिक अभियान चलाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक संख्या में इस प्रतियोगिता में भाग लेने की अपील की।

स्कूल शिक्षा विभाग और विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा इस्कॉन के सहयोग से होगी प्रतियोगिता
उल्लेखनीय है कि भगवद गीता आधारित मूल्य शिक्षा प्रतियोगिता, स्कूल शिक्षा विभाग और संस्कृति विभाग के विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा इस्कॉन के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य छात्रों में स्थायी नैतिक मूल्यों का संचार करना, चरित्र निर्माण को प्रेरित करना और आज के युवाओं में व्याप्त विभिन्न व्यसनों के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

जिला स्तर पर 26 से 29 नवंबर तक होंगी प्रतियोगिताएं
जिला स्तरीय प्रतियोगिता के अंतर्गत कक्षा-9 से 12 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्विज-प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रत्येक कक्षा की प्रतियोगिता के लिये पृथक-पृथक दिवस निर्धारित किये गये हैं, जिसमें 26 नवंबर को कक्षा -9वीं, 27 नवंबर को कक्षा-10वीं, 28 नवंबर को कक्षा-11वीं और 29 नवंबर को कक्षा-12वीं के छात्रों के लिये क्विज प्रतियोगिता होगी। सभी परीक्षाएं स्कूल में दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक आयोजित की जाएंगी। भागीदारी के लिये लिंक 19 नवंबर तक उपलब्ध करवाई जायेगी। प्रत्येक जिले में कक्षा के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्र राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 10 दिसंबर 2024 को उज्जैन में गीता महोत्सव के दौरान शामिल होंगे।

राज्य स्तरीय विजेताओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। यह मूल्य शिक्षा प्रतियोगिता छात्रों के शैक्षिक पाठ्यक्रम को आवश्यक नैतिक मूल्यों जैसे सत्यनिष्ठा, सहानुभूति, सम्मान और उत्तरदायित्व से समृद्ध बनाने के लिए डिजाइन की गई है। साथ ही उन्हें व्यसनों के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूक करना और जिम्मेदार एवं नैतिक रूप से जागरूक भविष्य के नागरिकों के रूप में उनके व्यक्तित्व के विकास का प्रयास भी इस पहल का लक्ष्य है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button