सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला चर्चा में बना हुआ, 4 साल के बेटे के लिए छोड़ा गिफ्ट

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला चर्चा में छाया बना हुआ है। इस बीच एक भावुक बात सामने निकलकर आई है। आतुल सुभाष ने अपनी जान लेने से पहले अपने 4 वर्षीय बेटे के लिए एक उपहार और एक पत्र छोड़ा है। खास बात यह है कि उन्होंने अपने बेटे से यह उपहार और पत्र 2038 में खोलने के लिए कहा है। यानी कि 34 साल बाद। इस रहस्यमय उपहार और पत्र में कुछ खास बातें छिपी हुई हैं। आतुल सुभाष ने अपने अंतिम पत्र में एक चौंकाने वाला दावा किया है कि उनकी पत्नी ने उनके बेटे को उनसे दूर रखा और वह कभी भी अपने बेटे से नहीं मिल पाए।

पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों तथा उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार एवं उत्तर प्रदेश के एक जज द्वारा प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है। पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला। उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली जिसमें लिखा था ‘‘न्याय मिलना बाकी’’ है।

अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में सुभाष यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, ‘‘मुझे लगता है कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए क्योंकि मैं जो रुपये कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं। उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है और यह चक्र यू हीं चलता रहेगा। मेरे द्वारा चुकाए गए करों से प्राप्त धन से यह न्यायालय और पुलिस व्यवस्था मुझे, मेरे परिवार को और अन्य सज्जन लोगों को परेशान करेगी।’’

सुभाष ने मांग की कि उनकी मौत के बाद पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने वीडियो में अपने परिजनों से कहा कि जब ​​तक उनका कथित उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती तब तक वे उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें। सुभाष ने न्याय की मांग करते हुए अपने परिजनों से आग्रह किया कि यदि उसका उत्पीड़न करने वालों को दोषी नहीं ठहराया जाता है तो वे उसकी अस्थियों को अदालत के नाले के बाहर फेंक दें। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सुभाष के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर हमने उसकी पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। सभी आरोपों की जांच की जा रही है।’’

पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुभाष का अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह था और उसकी पत्नी ने सुभाष के खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज कराया था। अधिकारी ने बताया कि सुभाष ने अपना सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए भेजा तथा उसे एक व्हॉट्सऐप समूह पर भी साझा किया था, जिससे वह जुड़ा हुआ था। सुभाष ने सुसाइड नोट में आग्रह किया कि उसके बच्चे का लालन-पालन उसके माता-पिता को सौंपा जाए। सुभाष ने सुसाइड नोट में बताया कि 2019 में उसने शादी की थी और अगले साल उसका एक बेटा हुआ।

सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के परिजन उन्हें (सुभाष) बार-बार रुपयों के लिए परेशान करते थे और लाखों रुपये मांगते थे और जब उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया तो उनकी पत्नी कथित तौर पर 2021 में बेटे के साथ घर छोड़कर चली गई। सुभाष ने आरोप लगाया, ‘‘मेरी पत्नी मेरे बच्चे को अलग रखेगी और मुझे, मेरे बुजुर्ग माता-पिता तथा मेरे भाई को परेशान करने के लिए और भी मामले दर्ज कराएगी। मैं गुजारा भत्ता के लिए उसे जो पैसे देता हूं वह उसका इस्तेमाल हमारे बच्चे के कल्याण के बजाय मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button