मध्य प्रदेश के तीन बड़े नेताओं की राय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए ली जाएगी

भोपाल
 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय भले ही केंद्रीय नेतृत्व को लेना है लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की रजामंदी से ही निर्णय लिया जाएगा।

आरएसएस से भी प्रस्तावित नाम पर हरी झंडी ली जाएगी। पार्टी सूत्रों का मानना है कि जल्द ही इस बारे में फैसला कर लिया जाएगा। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

10 मार्च तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है

सात महीने पहले से आरंभ हुए संगठन चुनाव में बूथ से लेकर मंडल और जिलाध्यक्ष के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष के बाद 10 मार्च तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव होना है।

हर अहम निर्णय में भागीदारी

पिछले 20-25 वर्षों की भाजपा की राजनीति पर नजर डाली जाए तो अभी तक शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर की जोड़ी हर अहम निर्णय में भागीदार रही है। अधिकांश मामलों में दोनों नेताओं की सलाह को भी पार्टी महत्व देती रही है।

अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हैं तो उनका सुझाव भी संगठन में महत्वपूर्ण रहेगा। पार्टी यह भी नहीं चाहती कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन से कोई ऐसा पावर सेंटर बन जाए, जिसके कारण सत्ता-संगठन के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो जाए।
आदिवासी या महिला वर्ग से चुना जा सकता है नया अध्यक्ष

वैसे भी अगले पौने चार साल तक प्रदेश में कोई चुनाव नहीं होना है, इसलिए ऐसा चेहरा भी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बिठाया जा सकता है, जो सभी बड़े नेताओं की पसंद हो। फिलहाल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन माना जा रहा है कि नया अध्यक्ष सामान्य, आदिवासी या महिला वर्ग के बीच से चुना जा सकता है।

संघ की राय भी अहम रहेगी

इधर, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए संघ की राय भी अहम रहेगी। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह मध्य प्रदेश में भाजपा ने पीढ़ी परिवर्तन को अंजाम दिया है, उससे यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि पार्टी कोई नया चेहरा इस पद पर पार्टी ला सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button