पुलिस बनकर मसाज सेंटरों में छापा मारने वाले दबोचे

नई दिल्ली.

शाहदरा जिला पुलिस ने दिल्ली पुलिस का अधिकारी बनकर छापा मारकर लूटने वाले तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान अशोक मोहल्ला डी-2 के अमजद, घोंडा चौक इंद्रनगर के जिशान उर्फ शानू, जाफराबाद के इमरान के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि 25 नवंबर को सीमापुरी इलाके में लूट की सूचना मिली थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि घर में जबरन घुसे पांच बदमाशों ने मारपीट कर 33 हजार रुपये लूट लिए। 

एक अन्य मामले में 22 नवंबर को दिलशाद कॉलोनी इलाके के एफ-ब्लॉक में लूट की सूचना मिली। वहां बदमाशों ने खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताया और पीड़ितों से 50 हजार रुपये और अन्य सामान लूट लिया। सीमापुरी थाने में दोनों मामले दर्ज कर जांच शुरू की गई और तीनों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से पुलिस सायरन और स्टीकर लगी मोटरसाइकिल, वायरलेस सेट, इंस्पेक्टर पी-कैप, दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर की वर्दी, दो फर्जी पुलिस आई-कार्ड की सॉफ्ट कॉपी बरामद हुई। 

पुलिस को दिलशाद कॉलोनी वाले मामले में ऑनलाइन पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) मिला। इसकी जांच के बाद पुलिस ने नेपाल में मौजूद आवेदक से संपर्क किया। उसने बताया कि यह पीसीसी उन्होंने मौजपुर स्थित घोंडा निवासी शानू को दी थी। उसने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और उनके सत्यापन का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की सीडीआर निकाली और जिशान उर्फ शानू के ठिकाने पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर दो अन्य आरोपियों को दबोचा। आरोपी जिशान गिरोह का मास्टरमाइंड है। उसने जुबेर की मदद से पुलिस वर्दी का इंतजाम किया। आरोपियों का सहयोगी समीर जस्ट डायल से स्पा और मसाज सेंटर के पते और मोबाइल नंबर निकालता था। अमजद फर्जी ग्राहक बनकर जाता और उसके इशारे पर बाकी गुर्गे पुलिस अधिकारी बनकर वहां छापा मारते थे। उनमें इमरान खुद कांस्टेबल अशोक राणा, जिशान खुद को एसआई जाकिर खान बनाकर पेश करते थे। मारपीट कर पीड़ितों से पैसे और मोबाइल लूट लेते थे। आरोपियों ने यमुनापार इलाके में इस तरह कई वारदात की। आरोपी ऑनलाइन कॉल गर्ल्स को ढूंढ़कर मिलने के बाद उन्हें भी लूट लेते थे।

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